नूंह: हरियाणा में इन दिनों जमकर बारिश व ओलावृष्टि (heavy rain in Haryana) हो रही है. जिससे किसानों की फसलों का काफी हद तक नुकसान हो गया है. इसके साथ ही भारी बारिश ने नूंह में ईंट भट्टा संचालकों की कमर तोड़ कर रख दी है. जिले में हो रही लगातार बारिश से ईंट व्यापारियों की कच्ची ईंटें (raw bricks in Nuh) गलकर बर्बाद हो गई हैं. जिससे ईंट कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. वहीं खराब मौसम के चलते ईंट व्यापारियों ने मौसम साफ होने तक काम बंद कर दिया है.
बता दें कि नूंह में करीब 80 ईंट भट्टों में ईंट व्यपारियों (Brick traders Nuh) को करोड़ों का फटका लगा है. पानी में भीगने से लाखों पथेर की ईटें गलकर खराब हो गई हैं तो भट्टा मालिकों को मजदूरी व खेत के किराये में भी नुकसान का सामना करना पड़ा है. गौरतलब है कि दिसंबर से जून तक कच्ची ईंटें तैयार होती हैं और पकाने के बाद उनकी बिक्री होती है. इसी बीच बुधवार से शनिवार तक लगातार हुई रिमझिम व बीच-बीच में हुई तेज बरसात ने कच्ची ईंटें बर्बाद कर दीं. वहीं अग्रिम भुगतान कर बंगाल, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश व राजस्थान सहित अन्य राज्यों से बुलाई गए श्रमिक भी अब करीब डेढ़ महीने तक खाली बैठे रहेंगे. संचालकों को अब मौसम साफ होने का इंतजार है.
भट्टा एसोसिएशन नूंह के प्रधान जवाहर मंगला ने बताया कि भट्ठे पर कच्ची ईंट की पथाई का काम तेज गति से चल रहा था. तैयार कच्ची ईंटों को दो दिन की बरसात ने बर्बाद कर दिया. पथी हुई ईंट खराब होने से कई लाख रुपये का नुकसान हुआ है. जवाहर मंगला ने बताया कि बारिश से जिले के प्रत्येक ईंट भट्टा मालिकों की करीब ढाई लाख ईंटे पानी से गलकर बर्बाद हुई है. साथ ही बाहर से बुलाए गए मजदूरों पर भी संकट आ गया है. उन्होंने कहा कि सरकार को ईंट भट्टा व्यवसायियों के हित में सोचना चाहिए. टैक्स का सही निर्धारण न करके उनका शोषण किया जा रहा है. साथ ही भट्टा एसोसिएशन ने बारिश के कारण हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए टैक्स में छूट देने की मांग की है.