नूंहःकोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के चलते गरीब तबके को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा है. उद्योग जगत के बंद होते ही गरीब परिवारों पर भूखमरी के काले बादल मंडराने लगे. ऐसे में सरकार ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे जन धन खाता धारक वाली महिलाओं के अकाउंट में सीधे रुपये ट्रांसफर करने का ऐलान किया था. जिसके मुताबिक खाते में पैसे आए भी हैं, लेकिन इस दौरान ऐसी कई परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ रहा है. जिससे वो समय पर उन पैसों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.
आधार से लिंक करवाना नहीं आसान !
नूंह जिले की पिनगवां ब्रांच में ही करीब 30 हजार जनधन खाता धारक हैं. पिनगवां एसबीआई ब्रांच मैनेजर रविंद्र बिजलवान बताते हैं कि अभी तक लोगों के खाते में पैसे नहीं आने की कोई शिकायत सामने नहीं आई है. उन्होंने बताया कि उनके बैंक के अधीन 9 सीएसपी केंद्र आते हैं, जहां खाते खोले जाते हैं, लेकिन उनका आधार कार्ड लिंक ब्रांच के अंदर ही होता है. सीएसपी सेंटरों पर सिर्फ खाता खुलता है. इसलिए जन धन खाते वाले लोगों को बैंक में आना पड़ता है. बैंकों के बाहर पैसे निकलवाने के लिए रोजाना कोरोना लंबी लाइन लगती है.
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इसके अलावा कई बैंकों की शाखाओं में पिछले कुछ दिन से ठगी के मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं. बैंक मैनेजर मानते हैं कि ऑनलाइन ठगी के मामले हर महीने कम से कम 3-4 एक ब्रांच में जरूर सामने आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि शातिर ठग आधार कार्ड, एटीएम कार्ड के माध्यम से गरीबों को चूना लगा रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह इलाके के अधिकतर लोगों का अनपढ़ होना है. बैंक मैनेजर ने अपील की है कि अपना आधार कार्ड और एटीएम कार्ड किसी अज्ञात व्यक्ति को ना दें. वरना आपके साथ भी ठगी हो सकती है.
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बार-बार लगाते हैं बैंक के चक्कर- खाता धारक
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जब वो सरकार द्वारा भेजी जा रही राशि को निकलवाने के लिए जाते हैं, तो उनको केवाईसी फार्म भरने के लिए कहा जाता है. उन्हें कई बार बैंक के चक्कर लगाने पड़ते हैं. सुबह से दोपहर तक बैंक की लाइन में लगे रहते हैं. उनका कहना है कि सीएसपी सेंटर पर ही खातों से आधार लिंक होना चाहिए. जिससे उन्हें बार-बार बैंक के चक्कर ना लगाने पड़े.
योजना में सुधार की जरूरत !
कुल मिलाकर जन धन योजना में अभी भी बहुत सी कमियां सामने आ रही है. यही कारण है कि गरीबों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए सरकार ने जनधन योजना तो सही तरीके से चलाई, लेकिन उसे धरातल पर बेहतर ढंग से उतारने में अभी भी कुछ खामियां हैं. जिनको समय रहते अगर दूर कर दिया जाए तो सरकार की ये योजना गरीबों के लिए काफी कारगर साबित हो सकती है.
घंटों करना पड़ता है इंतजार क्या है योजना?
लॉकडाउन के दौरान गरीबों को अपना घर चलाने में आर्थिक परेशानी ना हो, इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत महिलाओं के जनधन खातों में 500-500 रुपये की किश्त भेजनी शुरू की. सरकार ने तीन महीने अप्रैल, मई और जून तक 20 करोड़ महिलाओं को ये सहायता देने का फैसला किया था. इसके अलावा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत 2.82 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों को 1,405 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का ऐलान किया था.
कैसे खुलवाएं खाता
जन धन योजना के तहत गरीब लोगों का अकाउंट जीरो बैलेंस से किसी भी बैंक, पोस्ट ऑफिस और फिर राष्ट्रीयकृत बैंको में खोला जाता है. सरकार जब भी किसी तरह की आर्थिक मदद करती है तो सरकार द्वारा दिया जाने वाला पैसा जन धन खाता में ही ट्रांसफर होता है. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जन धन खाता होना आवश्यक है.