नूंह: हरियाणा के नूंह में पशुधन रेफरल अस्पताल नहीं होने से पशुपालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों की मांग है कि देश के पिछड़े और आकांक्षी जिलों की सूची में शामिल नूंह में पशु रेफरल अस्पताल जल्द खोला जाए. वहीं पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग ने दावा किया है नूंह में रेफरल पशु अस्पताल खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जिला उपायुक्त समेत पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग के उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव भेज दिया है.
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जल्द खुलेगा रेफरल पशु अस्पताल! अधिकारियों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को जैसे ही विभाग द्वारा स्वीकृति मिलेगी. तेजी से काम शुरू कर दिया जाएगा. रेफरल पशु अस्पताल खुलने से पशुओं की सभी प्रकार की सर्जरी के अतिरिक्त एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड व सभी प्रकार की जांच की सुविधा उपलब्ध होगी. पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग, नूंह के उपनिदेशक डॉक्टर वीरेंद्र सहरावत में बताया कि जिला नूंह में 25 पशु अस्पताल हैं. इसके अतिरिक्त जिले में 61 औषद्यालय हैं.
उन्होंने कहा कि पशु अस्पतालों में पशु सर्जन नियुक्त किए गए हैं, जबकि औषधालयों में दो वीएलडीए की तैनाती की गई है. जिले के पशुपालकों को पशुओं में गंभीर बीमारियां होने पर हिसार या मथुरा ना जाना पड़े, इसके लिए रेफरल पशु अस्पताल खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई है. इसके अतिरिक्त पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक खंड में दो पशु एंबुलेंस तैनात की जाएगी. जिनमें एक पशु चिकित्सक, वीएलडीए और पशुओं के लिए सभी प्रकार की दवाइयां उपलब्ध होंगी.
रेफरल पशु अस्पताल के फायदे: डॉक्टर वीरेंद्र सहरावत ने बताया कि सर्जरी के लिए जब बीमार हालत में पशुओं को 200 से ढाई सौ किलोमीटर दूर ले जाया जाता है, तो अधिकतर बीमार पशु तो रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. रेफरल पशु अस्पताल खुलने से पशुपालकों को उनके नजदीक ही सभी प्रकार की सर्जरी व जांच की सुविधा उपलब्ध होगी. विशेषज्ञों द्वारा उनके नजदीक ही उपचार मिलने से बहुत से पशुओं की जान बचाई जा सकेगी. अस्पताल में आधुनिक सुविधाएं होंगी.
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उन्होंने बताया कि पिछले दिनों जब बहुत से पशुओं की जांच की गई, तो तीन प्रतिशत से अधिक पशुओं में टीबी के लक्षण पाए गए. जो पशुओं से मनुष्य में आसानी से फैल जाता है. उन्होंने कहा कि विशेष अभियान चलाकर गौशालाओं व घर-घर जाकर पशुओं की स्क्रीनिंग की जाएगी. जिन गायों या भैंसों में टीबी के लक्षण मिलते हैं. उन्हें अलग रख उपचार किया जाएगा. पशुओं के इस स्क्रीनिंग टेस्ट को भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जाएगा.