महेंद्रगढ़/करनाल/चंडीगढ़: दिल्ली एनसीआर के साथ हरियाणा में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. खेतों में पराली का जलाना प्रदूषण का मुख्य कारण माना जा रहा है. बात करें हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले की, तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यहां पराली ना के बराबर जलाई गई है. फिर भी यहां वायु प्रदूषण 205 के स्तर पर पहुंच चुका है. जोकि खराब श्रेणी में गिना जाता है. इसकी वजह से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
ये भी पढ़ें- पंजाब में हरियाणा से करीब 10 गुना ज्यादा जल रही पराली, यहां देखें रियल टाइम मॉनिटरिंग के आंकड़े
महेंद्रगढ़ में वायु प्रदूषण का कारण यहां हो रहा अवैध खनन है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कई बार खनन साइट को बंद करने का आदेश दे चुका है, लेकिन खनन की कार्रवाई बदस्तूर जारी है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी कृष्ण यादव से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि महेंद्रगढ़ में पॉल्यूशन को देखते हुए सभी क्रेशर और खदान को बंद किया गया है. अगर कोई इनका संचालन करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
प्रदूषण अधिकारी के मुताबिक आदेशों की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. महेंद्रगढ़ में खनन पूरी तरह से बंद करवा दिया गया है. यहां ना ही कोई क्रेशर चलेगा और ना ही कोई खदान चलेगी. जब तक ग्रैप स्टेज 4 के नियम लागू रहेंगे, तब तक क्रेशर और खदानों पर रोक रहेगी. इसके अलावा जिले की फैक्ट्रियों को भी बंद करने के आदेश दिए गए हैं. ताकि लोगों को प्रदूषण से राहत मिल सके.
ये भी पढ़ें- दिल्ली में प्रदूषण पर विशेषज्ञों ने कहा- सरकार को वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठना चाहिए
सिर्फ महेंद्रगढ़ ही नहीं, हरियाणा के करनाल जिले में भी हवा का स्तर खराब दर्ज किया गया. बुधवार को करनाल का वायु प्रदूषण AQI 287 दर्ज किया गया. मंगलवार AQI 278 तक था. वहीं सोमवार के दिन करनाल में वायु प्रदूषण AQI 254 तक था. पिछले तीन दिनों से लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. जिसको लेकर जिला प्रशासन व वायु प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड एक्शन मोड में आ गया है, ताकि इस पर काबू पाया जा सके.
करनाल वायु प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि बुधवार को करनाल में AQI 287 पर पहुंच गया है, जो एक चिंता का विषय है. अनुमान लगाया जा रहा है कि वीरवार के ये AQI 300 के आंकड़े को छू लेगा. जिसके चलते करनाल जिला प्रशासन और वायु प्रदूषण बोर्ड के द्वारा करनाल में सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है. वहीं फैक्ट्री संचालकों को भी चिमनियों के बंद रखने का आदेश दिया है.
अगर कोई आदेशों की अवहेलना करता पाया गया, तो उसके खिलाफ वायु प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. बता दें कि हरियाणा के 14 जिले दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में आते हैं. सभी जिलों में प्रदूषण को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. दिल्ली एनसीआर में आने वाले हरियाणा के सात जिलों में 5वीं तक से सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है.
ये भी पढ़ें- दिल्ली में दिवाली और प्रदूषण के कारण हवाई किराये रिकॉर्ड ऊंचाई पर, जानें कितनी महंगी हुई यात्रा
चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर ने बताया कि कुछ बातों का ध्यान रख लोगों को खुद ही पॉल्यूशन से खुद को बचाना पड़ेगा. चंडीगढ़ पीजीआई पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट की प्रोफेसर रविंद्र खेवाल ने कहा कि वो साल 2013 से फसलों के जलाये जाने से उठने वाले धुएं पर जमीनी स्तर पर काम कर रही हैं. उन्होंने इसपर एक रिसर्च बुक भी लिखी है. जिसे एक मैगजीन का रूप दिया गया है. उसमें एयर क्वालिटी को लेकर आसान शब्दों में सावधानियां और नुकसान बताये गए हैं.
डॉक्टर खेवाल ने बताया कि ज्यादा प्रदूषण सुबह और देर रात के समय अधिक होती है. वहीं रात 10 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक ट्रकों का आवागमन रहता है. जिससे प्रदूषण ज्यादा होता है. डॉक्टर खेवाल ने बताया कि पापुलेशन के हिसाब से हमारी वुलनरेबल जनसंख्या जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग शामिल है. उन्हें विशेष तरह की सावधानियां रखनी होंगी. जिन लोगों की हाल ही में सर्जरी हुई है. उन्हें प्रदूषण वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें- हरियाणा में हवा का 'विषकाल', 7 जिलों में 5वीं तक स्कूल बंद, गुरुग्राम से दिल्ली जाने वाले डीजल के भारी वाहनों पर रोक
जो लोग सुबह और शाम की सैर करने के लिए घर से बाहर पार्क या ग्राउंड पर पहुंचते हैं. उन्हें भी घर से निकलने से पहले मास्क लगाना होगा. जिन बुजुर्गों को कसरत करने के लिए कहा गया है, वे हाल फिलहाल बाहर कसरत करने की जगह घर के अंडर कसरत करें. जिन इलाकों में प्रदूषण की मात्रा अधिक है. वहां घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें. घर की सफाई गीले कपड़े के साथ करें. रोड के पास रहने वाले लोगों को घरों में एयर पुरीफायर लगवाना चाहिए. इसके अलावा गमलों में पौधे लगाने चाहिए.