कुरुक्षेत्र: चीन की नापाक हरकत से पूरे देश में रोष है. इसी के तहत कुरुक्षेत्र के अग्रसेन चौक पर विश्व हिंदू परिषद ने चीन का विरोध किया. उन्होंने जनता से चाइनीज सामान का बहिष्कार करने का आह्वान किया. विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने चीन के सामान का बहिष्कार करने का संकल्प लिया.
लद्दाख में चीन के द्वारा की गई नापाक हरकत से पूरे देश में गुस्से का माहौल है. अपने बीच वीर जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में चीनी सामान का बहिष्कार किया जा रहा है. इसी के चलते कुरुक्षेत्र के अग्रसेन चौक पर चीन का पुतला फूंका गया.
विश्व हिंदू परिषद ने अग्रसेन चौक पर किया चीन का विरोध विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री प्रेम नारायण अवस्थी ने कहा कि चीन की ये हरकत कायराना है और चीन को समझ जाना चाहिए कि ये 1962 का भारत नहीं बल्कि 2020 का भारत है. इसी के साथ उन्होंने चाइनीज समान बहिष्कार करने का संकल्प भी लिया.
क्या है मामला?
बता दें कि भारत और चीन के बीच लद्दाख बॉर्डर पर मई से जारी तनाव अब काफी बढ़ गया है. सोमवार 15 जून की रात को गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. 6 जून को हुई बैठक में चीन ने वादा किया था कि वो अपने सैनिकों को पीछे हटाएगा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. इसी के बाद जब भारतीय सेना चेकिंग के लिए पहुंची तो दोनों देशों के सैनिक आमने सामने आ गए. इस हिंसक झड़प में दोनों देशों की सेनाओं को भारी नुकसान हुआ है.
भारतीय सेना को कितना नुकसान हुआ?
गलवान घाटी में हुई इस हिंसक झड़प में भारत के कुल 20 जवान शहीद हो गए हैं. भारतीय सेना की ओर से देर रात को इस घटना पर विस्तृत बयान जारी किया गया. जिसके मुताबिक, 6 जून के समझौते के अनुसार गलवान घाटी के पास सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जारी थी. जब भारतीय दस्ता बॉर्डर किनारे चीन की स्थिति को जांचने पहुंचा, तब दोनों देशों के सैनिकों के बीच भिड़ंत हो गई.
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शुरुआत में एक कमांडिंग अफसर और दो जवानों के शहीद होने की बात सामने आई थी, लेकिन बाद में सेना ने जानकारी दी कि अन्य 17 घायल भी शहीद हो गए हैं, यानी कुल 20 जवान शहीद हुए. ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत को इस भिड़ंत में हानि हुई है, चीन को भी भारी नुकसान हुआ है. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक इस हिंसक झड़प में चीन के 43 सैनिक हताहत (मारे गए या घायल हुए) हुए हैं.