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खरीद शुरू न होने के कारण खुले में पड़ी फसल, सरकार खामोश, किसान लाचार

हरियाणा में सरकार द्वारा धान की खरीद का एलान करने के बाद भी अभी तक कई जिलों में फसल खरीद शुरू नहीं हुई है. जिस वजह से किसानों की फसल अनाज मंडियों और सड़कों पर खुले में पड़ी (kurukshetra paddy crop damaged) है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने कुरुक्षेत्र की नई अनाज मंडी और शहर में अन्य स्थानों पर पड़ी धान की फसल को लेकर जमीनी हालातों के बारे में जाना.

kurukshetra paddy crop damaged
kurukshetra paddy crop damaged

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Published : Oct 5, 2021, 7:57 PM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा में धान कटाई पूरी जोरों पर है, लेकिन 5 तारीख होने के बावजूद भी अब तक कई जिलों में किसानों की धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं (kurukshetra crop purchase not started) हुई है. कुछ ऐसा ही हाल कुरुक्षेत्र जिले का भी है. यहां भी अभी तक किसानों की धान की खरीद शुरू नहीं हुई है. हालांकि जब किसान सड़क जाम करने या विधायकों के आवास का घेराव करने की बात करते हैं तब सरकार धान खरीद का आश्वासन जरूर देती है, लेकिन वह सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रहता है, मंडी में एक भी दाना धान का नहीं खरीदा जाता.

बता दें कि, हरियाणा सरकार ने पहले 1 अक्टूबर से धान खरीद की घोषणा की थी. वहीं 30 सितंबर को नया फरमान जारी करते हुए तारीख 1 से बदलकर 11 अक्टूबर कर दी गई थी. तब तक किसान धान लेकर मंडी आने लगे थे. वहीं 2 अक्टूबर को किसानों ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किए और धान खरीद शुरू करने की मांग की. जिसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फिर से धान खरीद की तारीख बदलकर 3 अक्टूबर कर दी थी. हालांकि कुरुक्षेत्र सहित कई जिलों में अभी तक धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. जिस वजह से किसानों में भारी रोष के साथ-साथ धान के बारिश में भीगने का डल भी है.

खरीद शुरू न होने के कारण खुले में पड़ी फसल

ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने कुरुक्षेत्र की नई अनाज मंडी और शहर में अन्य स्थानों पर पड़ी धान की फसल को लेकर जमीनी हालात जाने और देखा कि किस तरीके से किसानों की धान की बेकद्री हो रही है. किसानों ने कहा कि 15 दिन से हम अनाज मंडी में अपनी धान के साथ पडे़ हुए हैं, लेकिन फिर भी हमारी धान नहीं खरीदी जा रही. ऊपर से बरसात भी कहर बरपा रही है और हर रोज बरसात होने के कारण किसान की वैसे भी आधी से ज्यादा फसल खराब हो गई है.

किसानों ने कहा कि हम हर रोज प्रशासन के पास जाते हैं, आश्वासन जरूर मिलता है, लेकिन खरीद करने के लिए कोई भी अधिकारी या एजेंसी का व्यक्ति हमारे पास नहीं पहुंचता. हालात ये हो चुके हैं कि किसान आत्महत्या करने की कगार पर आ गए हैं क्योंकि एक तो 6 महीने की कमाई उनकी सड़कों पर पड़ी हुई है, ऊपर से खरीद नहीं हो रही और सबसे बड़ी बात बरसात भी हर रोज हो रही है. जिससे उनकी फसल खराब हो रही है.

अपनी भीगी फसल दिखाता एक किसान

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किसानों ने कहा कि हमारे गेट पास भी कटे हुए हैं, लेकिन फिर भी हमारी धान की खरीद नहीं हुई. वहीं कुछ ऐसे किसान भी हैं जिनके गेट पास कटने में भी समस्या आ रही है. किसानों ने कहा कि हमने अपनी फसल को बच्चों की तरह पाला है और अब हालात ऐसे हो चुके हैं कि धान की सरकारी खरीद ना होने के कारण पूरी मंडी धान से लबालब भरी हुई पड़ी हुई है. जिसके कारण किसान सड़कों पर अपनी फसल डालने को मजबूर हो गए हैं. ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ अब सिर्फ धान ही धान दिखाई देती है.

प्रशासन हर रोज कह देता है कि धान की खरीद शुरू हो गई, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं हो रहा. किसान मरने को मजबूर हो गया है. कुछ किसानों ने कर्ज पर लेकर दूसरे किसान से ठेके पर जमीन ली हुई है वह तो बिल्कुल मरने की कगार पर आ गया है. उसके ऊपर से मंडी और सड़कों पर खुले में धान की फसल पड़ी हुई है.

अनाज मंडी में खुले में पड़ी धान की फसल

वहीं जब कमीशन एजेंट से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जो सुबह और रात बरसात हुई है उसकी वजह से करोड़ों रुपये का नुकसान अकेले कुरुक्षेत्र की नई अनाज मंडी में किसानों को और कमीशन एजेंट को हुआ है, लेकिन फिर भी सरकार खरीद के लिए आगे नहीं आ रही. पिछले 10 दिनों से किसान अनाज मंडी में पड़े हैं, लेकिन खरीदने के लिए कोई भी सरकारी व्यक्ति कर्मचारी नहीं आ रहा. हालात ये हो गए हैं कि बरसात के कारण अब धान काला पड़ने लगा है और दुर्गंध आने लगी है.

सुबह की बरसात के बाद पानी अभी भी मंडी से नहीं निकल पाया है और ये अनाज मंडी कम तालाब ज्यादा दिखाई देता है. इसी पानी के अंदर किसानों की धान पड़ी हुई है. जिसको अब किसान पानी में से निकाल कर अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली में लोड करके अनाज मंडी से कहीं बाहर ले जाकर सुखाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन शहर में कहीं भी सुखाने के लिए जगह नहीं मिल रही.

बारिश के बाद पानी में बही फसल

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मंडी प्रशासन सीजन से पहले बड़े-बड़े दावे करता है कि हमारी फसल खरीद की पूरी तैयारी है, लेकिन ये तैयारी सिर्फ उनकी फाइलों तक ही सीमित रह जाती है. अनाज मंडी में बरसात के पानी से तालाब बना हुआ है और वहीं शैड की सुविधा भी मंडी में ज्यादा नहीं है. जिस वजह से किसान अपनी फसल को बर्बाद होते अपनी आंखों से देख रहे हैं, लेकिन उनको ये नहीं पता कि सरकार उनकी धान की खरीद कब शुरू करेगी.

बारिश के पानी से अपनी फसल को बचाता किसान

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