करनाल:दीपावली के अगले यानि 25 अक्टूबर को साल 2022 (Surya Grahan 2022) का दूसरा सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है. 24 अक्टूबर की रात से ही इसका सूतक काल भी शुरू हो जाएगा. पंडित विश्वनाथ बताते हैं कि ग्रहण कोई भी हो, इसे लेकर कतई भी भयभीत होने की जरूरत नहीं है. इसे तो सिद्धियों का महापर्व माना जाता है, इसलिए ऋषि इसे सिद्धिकाल कहते थे. भगवान श्रीराम ने गुरु वशिष्ठ और श्रीकृष्ण ने संदीपन गुरु से ग्रहण काल में ही दीक्षा ली थी. शास्त्रों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद पड़ने वाला सूर्यग्रहण बहुत प्रभावी नहीं रहता है.
गर्भवती महिलाओं के लिए अशुभ होता है ग्रहण:पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण विशेषतौर पर गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए अशुभ होता है. जानकारों का मानना है कि इस दौरान बुरी शक्तियां काफी ज्यादा सक्रिय होती हैं. ऐसे में यदि को महिला गर्भवती है तो सूर्य ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं क्या करें:ज्योतिष के अनुसार ग्रहण शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान कोई भी नुकीली चीज, जैसेकि चाकू आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को धातु के गहने या वस्तुएं जैसे हेयर पिन, सेफ्टी पिन पहनने से भी बचना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान सोने से बचना चाहिए. इसके अलावा कुछ ज्योतिषियों का ऐसा भी सुझाव होता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को केवल बिस्तर पर दूर्वा घास के साथ बैठना (Surya Grahan special 2022) चाहिए.