करनाल: उत्तर भारत में पिछले कुछ दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं. वहीं सीएम सिटी करनाल के लोगों को शुरुआत में ही गर्मी की तपिश ने नानी याद दिला दी है. लगातार पिछले कुछ दिनों से सुबह होते ही पारा चढ़ने से सूरज की तपिश बढ़ना शुरू हो जाती है.
कैसे बचें गर्मी से ?
- अपने जरूरी काम सुबह के समय निपटा लें
- पेय पदार्थों का प्रयोग ज्यादा करें
- शरीर को कपड़ों से पूरा ढकें
- दिन में नीबू पानी, शिकंजी, शरबत ज्यादा पीएं
- दोपहर के समय घर से बाहर न निकलें
- लू से बचने के लिए प्याज खाएं
- मुंह को कपड़े से ढक कर चलें
- आंखों को धूप से बचाने के लिए चश्मे का प्रयोग करें
पशुओं पर गर्मी का असर
गर्मी के मौसम में पशुओं की स्वशन गति बढ़ जाती है. पशु हांफने लगते हैं, उनके मुंह से लार गिरने लगती है. पशुओं के शरीर में बाइकार्बोनेट आयरनों की कमी और रक्त के पी.एच. में वृद्धि हो जाती है. पशुओं के रियुमन में भोज्य पदार्थों के खिसकने की गति कम हो जाती है. जिससे पाच्य पदार्थों के आगे बढ़ने की दर में कमी आ जाती है.
रियुमन की फर्मेन्टेशन क्रिया में बदलाव आ जाता है. त्वचा की ऊपरी सतह का रक्त प्रभाव बढ़ जाता है. जिसके कारण आंत्रिक ऊतकों का रक्त प्रभाव कम हो जाता है. ड्राय मीटर इंटेक 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है. जिसके कारण दुग्ध उत्पादन में कमी आ जाती है. पशु को लू लगने पर 106 से 108 डिग्री फॉरेन हाइट तेज बुखार होता है.
पशुओं को गर्मी से कैसे बचाएं
- गर्मी के मौसम में दुग्ध उत्पादन एवं पशु की शारीरिक क्षमता बनाए रखने लिए पशुओं को हरा चारा अधिक मात्रा में दें
- हरे चारे से 70 से 90 प्रतिशत होती है पानी की पूर्ति
- पशुओं को हरे चारे के लिए मूंग, मक्का, काऊपी, बरबटी की बुआई करें
- पशुओं के लिए खाने की नांद के पास पानी की व्यवस्था करें
- दिन में 2 से 3 बार नमक आटे का पानी पिलाएं
- पशुओं के शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने के लिए दिन में छांवदार पेड़ या ठंडे बाड़े में बांधे