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Krishna Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष योग, ऐसे करेंगे पूजा और व्रत तो कान्हा पूर्ण करेंगे हर कामना

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 5, 2023, 8:54 AM IST

Updated : Sep 6, 2023, 6:06 AM IST

Krishna Janmashtami 2023 Date And Time इस बार 2 दिन अष्टमी तिथि होने के कारण कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर किस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. साथ ही जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि.

Krishna Janmashtami 2023  Puja Vidhi and shubh Muhurat
कृष्ण जन्माष्टमी 2023 पूजा विधि शुभ मुहुर्त

पंडित विश्वनाथ से जानिए श्री कृष्ण का जन्मोत्सव का महत्व और पूजा विधि.

करनाल: हिंदू पंचांग के आधार प्रत्येक व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. वहीं, हिंदू पंचांग के अनुसार भद्र महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन कृष्ण भगवान का जन्म उत्सव मनाया जाता है. भारत समेत कई देशों कृष्ण जन्माष्टमी को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण के उपासक कृष्ण भगवान के जन्मोत्सव के दिन व्रत भी रखते हैं, जिसका बहुत ही ज्यादा महत्व बताया गया है. वहीं, लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाई जा रही है या 7 सितंबर को. आज हम आपको बताते हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी किस दिन (Krishna Janmashtami 2023 Date And Time) मनाई जा रही है.

कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव: हिंदू पंचांग के अनुसार अष्टमी 6 सितंबर से लग रही है और इस दिन ही 6 सितंबर को रोहिणी नक्षत्र भी लग रहा है, जो काफी शुभ संयोग है. इसलिए जो गृहस्थ आश्रम वाले लोग हैं, कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 6 सितंबर को रखें, जबकि जो वैष्णव और साधु लोग हैं वह इस व्रत को 7 सितंबर को रखेंगे. इसलिए जिन लोगों में असमंजस की स्थिति है कि व्रत 6 सितंबर को रखें या 7 सितंबर को. पंडित विश्वनाथ ने बताया कि 6 सितंबर को व्रत रखने का शुभ दिन है, इस दिन ही व्रत रखा जा रहा है.

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि का आरंभ 6 सितंबर दिन बुधवार को दोपहर 3.37 बजे से हो रहा है, इसका समापन अलगे दिन 7 सितंबर को शाम 4.14 बजे होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त 6 सितंबर को रात्रि 12 बजे से 12:48 बजे तक रहेगा. लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना का यही सबसे शुभ मुहूर्त है. जो कृष्ण भगवान के उपासक इस दिन व्रत रखना चाहते हैं, वह सूर्योदय से पहले स्नान इत्यादि श्री कृष्ण भगवान के मंदिर में जाकर देसी घी का दीपक जलाएं और उसकी पूजा अर्चना करें. अर्चना करने के उपरांत ही व्रत रखने का संकल्प लें.

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जन्माष्टमी पर ऐसे करें लड्डू गोपाल की पूजा: कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण भगवान का शृंगार करने के उपरांत उनका अष्टगंध, चंदन, अक्षत और रोली का तिलक लगाकर कृष्ण भगवान को माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पित करें. भगवान श्री कृष्ण को यह सब बहुत ही ज्यादा प्रिय है. इसलिए यह काफी शुभ माना जाता है. इस दिन सुबह एक बार सेविया खाकर पूरा दिन बिना खाए रहना होता है. रात के समय चंद्र दर्शन करने के बाद लड्डू गोपाल भोग लगा कर अपना व्रत का पारण करें.

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बन रहे कई शुभ योग: पंडित विश्वनाथ कहते हैं कि, हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कई शुभ योग भी बना रहे हैं, जो काफी भाग्यशाली दिखाई दे रहे हैं. भगवान श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था और अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र का संयोग बना रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार रोहिणी 6 सितंबर को सुबह करीब 9:20 से शुरू होगा, जबकि इसका समापन 7 सितंबर को सुबह 10:25 पर होगा. रोहिणी नक्षत्र के दौरान भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है. इस नक्षत्र के दौरान अगर कोई भी उपासक श्री कृष्ण भगवान की पूजा अर्चना करता है उसको विशेष फल सिद्धि प्राप्त होती है.

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जन्माष्टमी पर कई योग होने के कारण काफी शुभ: पंडित विश्वनाथ के अनुसार, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. ऐसे में इस दिन भगवान श्री कृष्ण का उपवास और पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 6 सितंबर को सुबह 7:57 पर हर्षण योग हिंदू पंचांग के अनुसार बन रहा है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार हर्षण योग में जो भी कार्य किए जाते हैं वह सब सफल होते हैं. इस दिन हिंदू पंचांग के पूरा दिन शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहेगा. इस समय के दौरान ही चंद्रमा वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में रहेगा, जो काफी शुभ माना जा रहा है.

Last Updated : Sep 6, 2023, 6:06 AM IST

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