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छोटे कारीगरों के लिए वरदान है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, जानें आवेदन की प्रक्रिया और इससे जुड़े फायदे

Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana: केंद्र सरकार ने छोटे कारीगरों के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना चलाई है. इसका मुख्य उद्देश्य ये है कि छोटे कारीगरों को प्रोत्साहन दिया जाए. जानें क्या है ये योजना और कारीगर कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ.

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छोटे कारीगरों के लिए वरदान है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 5, 2023, 7:49 PM IST

करनाल: हर वर्ग के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने कई योजनाएं चलाई हुई हैं. जिनका लाभ हर वर्ग के लोग अपनी योग्यता के आधार पर ले रहे हैं. केंद्र सरकार ने छोटे कारीगरों के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना चलाई है. इसका मुख्य उद्देश्य ये है कि छोटे कारीगरों को प्रोत्साहन दिया जाए. इसलिए उनको सस्ती ब्याज दरों पर लोन दिया जाता है. शायद बहुत से कारीगरों को इस योजना के बारे में पता है.

जिन्हें इस योजना के बारे में पता भी है, उन्हें ये नहीं पता होता कि वो इस योजना का लाभ कैसे उठाएं. चलिए हम आपको बताते हैं कि क्या है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना और कारीगर कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कारीगर को प्रोत्साहन के रूप में 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है. करनाल एडीसी डॉक्टर वैशाली शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार ने विशेष तौर पर छोटे कारीगर को प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लागू की है.

इस योजना का पूरे देश के कारीगरों को लाभ देने के लिए 13000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान रखा गया है. ये योजना एमएसएमई विभाग के द्वारा चलाई जा रही है. जिसमें कारीगर को तीन लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है. ये लोन सिक्योरिटी समेत होते हैं.

कारीगर को दिया जाता है प्रशिक्षण: इस योजना के तहत कारीगरों को उन्नत कौशल के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और प्रशिक्षण के दौरान ₹500 दैनिक भत्ता, ₹15000 की टूल किट, सर्टिफिकेट, डिजिटल ट्रांजेक्शन और पहचान पत्र प्रदान किए जाते हैं. ये सभी उनको प्रोत्साहन के रूप में फ्री में दिए जाते हैं. इस योजना में विशेष तौर पर ऐसे लोगों प्रोत्साहन दिया जा रहा है. जो छोटे औजारों का प्रयोग करके अपने हाथों से काम करते हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए इसमें 18 श्रेणी के दस्तकारों एवं कारीगर को शामिल किया गया है.

कुम्हार, सुनार, लोहार, मोची, बढ़ई, दर्जी, नाई, धोबी, बच्चों के लिए खिलौने बनाने वाले, चटाई, टोकरी और झाड़ू बनाने वाले, शिल्पकार, मूर्तिकार और राज मिस्त्री को इस योजना के लिए शामिल किया गया है. जो भी इस प्रकार के काम करते हैं. उनको विशेष तौर पर ट्रेनिंग भी दी जाती है और नाम मात्र ब्याज दरों पर तीन लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है. इस योजना के तहत पहले एक लाख रुपये का लोन दिया जाता है. एक लाख रुपये की अदायगी होने के बाद उसको बाद में दो लाख रुपये का और लोन दिया जाता है.

18 साल से ऊपर होनी चाहिए कारीगर की उम्र: जो भी कारीगर इस योजना का लाभ लेना चाहता है. उसकी उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए, अगर उसकी उम्र 18 वर्ष से कम है, तो वो इस योजना का लाभ नहीं ले सकता. इसके अलावा कारीगर ने बीते 5 साल में किसी भी ऐसी योजना का लाभ ना लिया हो, जिसमें राज्य सरकार या केंद्र सरकार की दूसरी योजना के द्वारा लोन ना लिया हुआ हो. ऐसा व्यक्ति भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकता. जिसके परिवार में कोई सदस्य सरकारी नौकरी पर हो या वो खुद सरकारी नौकरी पर हो.

कैसे और कहां करें आवेदन? जो भी व्यक्ति जो दस्तकारी और कारीगर है. वो इस योजना का लाभ लेना चाहता है. वो अपने नजदीकी सीएससी सेंटर या अटल सेवा केंद्र में जाकर पंजीकरण करवा सकता है. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा पोर्टल पर कारीगर को पंजीकरण करना होगा. इसके लिए बैंक खाते की डिटेल, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और राशन कार्ड की आवश्यकता होती है. उसके बाद पोर्टल पर आवेदन कर इस योजना का लाभ ले सकता है.

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