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जिला परिषद चुनाव के लिए करनाल में बिछी सियासत की बिसात, इन उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर - करनाल में जिला परिषद उम्मीदवार

हरियाणा में 9 नवंबर को जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव होंगे. करनाल में जिला परिषद चुनाव को लेकर राजनीतिक बिसात बिछ चुकी है. उम्मीदवार अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. जानें किन-किन उम्मीदवारों के बीच है करनाल जिला परिषद चेयरमैन पद की टक्कर.

karnal zilla parishad election in haryana
karnal zilla parishad election in haryana

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Published : Oct 17, 2022, 10:08 PM IST

करनाल: हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सियासी पारा तेजी से ऊपर जा रहा है. राजनीतिक दलों के नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप और जुबानी तीर जारी है. इस बीच हरियाणा में जिला परिषद चुनाव (zilla parishad election in haryana) को लेकर भी सरगर्मियां तेज हो चली है. बात करनाल की करें तो यहां पुराने चेहरों के बीच ही जिला परिषद के अध्यक्ष की जंग जारी है.

हालांकि इस बार कुछ नए चेहरे (candidates in karnal zilla parishad election) भी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन प्रबल दावेदारी पुराने चेहरों की ही बताई जा रही है. करनाल जिले में जिला परिषद के 25 वार्ड हैं. जिसमें जिला परिषद चेयरमैन पद के लिए कुछ मुख्य चेहरे हैं. इस रिपोर्ट में हम उनके बारे में जानने की कोशिश करेंगे. इस रेस के लिए सबसे पहले बात करेंगे जिला परिषद चेयरपर्सन आशा मैहला की.

आशा मैहला प्रबल दावेदार: पिछले प्लान में आशा मैहला को करनाल जिला परिषद चेयरमैन के रूप में चुना गया था. आशा मैहला संजय मैहला की धर्मपत्नी हैं. संजय मैहला 2016 के पंचायत चुनाव से पहले इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी में 15 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे थे, लेकिन चुनाव से कुछ समय पहले ही उन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. इसके बाद बीजेपी की टिकट पर उनकी धर्मपत्नी आशा मैहला करनाल के जिला परिषद वार्ड नंबर आठ से जिला परिषद मेंबर चुनी गई और उसके बाद उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार के रूप चेयरमैन का चुनाव लड़ा. जिसमें वो चेयरपर्सन चुनी गई.

उनके पति ने मौजूदा प्लान में असंध विधानसभा सीट से बीजेपी से टिकट मांगा था, लेकिन उनको टिकट नहीं दिया गया. जिससे खफा होकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी थी और असंध विधानसभा सीट से आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. जिसमें वो हार गए थे और तब से ही वो बीजेपी से अलग हो गए. अबकी बार संजय मैहला करनाल के जिला परिषद वार्ड नंबर 6 से जिला परिषद का चुनाव लड़ रहे हैं. जिला परिषद चेयरमैन के प्रबल दावेदारों में ये मुख्य चेहरा हैं.

कांग्रेस के हरेंद्र सांगवान देंगे चुनौती? बात करें आशा मैहला के प्रतिद्वंदी की, तो पिछले चुनाव में कांग्रेस से हरेंद्र सांगवान ने वार्ड नंबर 16 से जीत हासिल करके चेयरमैन के लिए ताल ठोकी थी, लेकिन वो हार गए थे. हरेंद्र सांगवान नरेंद्र सागवान के भाई हैं. नरेंद्र सांगवान करनाल के घरौंडा हल्के से कई बार इनेलो की टिकट पर विधायक रह चुके हैं. अब वो पिछले दस साल से कांग्रेस में हैं. ऐसे में जिले में कांग्रेस के मुख्य चेहरे के रूप में हरेंद्र सांगवान हैं. हरेंद्र सांगवान करनाल के जिला परिषद वार्ड नंबर 16 से पिछले चार प्लान से मेंबर बनते आ रहे हैं. माना जा रहा है कि अबकी बार सीएम सिटी करनाल में सबसे मजबूत चेयरमैन पद के उमीदवार यही हैं.

इन उम्मीदवारों पर भी रहेंगी नजरें: इसके बाद नंबर आता है धीरेंद्र खाकाली का जो जिला परिषद के वार्ड नंबर 16 से उम्मीदवार हैं. जिनको घरौंडा के विधायक हरविंद्र कल्याण का समर्थन मिला हुआ है. ऐसे में ये भी अपने वार्ड से जीतने के बाद जिला परिषद चेयरमैन की दौड़ में शामिल हो सकते हैं. हरेंद्र का वार्ड विधायक हरविंदर कल्याण के विधानसभा क्षेत्र में ही आता है.

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अब बात करते हैं जिला परिषद के वार्ड नंबर 13 से नरेंद्र गोरसी की. ये हाल ही मे समाप्त हुए प्लान के जिला परिषद के उप चेयरमैन थे. इनको इंद्री के पूर्व विधायक कर्णदेव कम्बोज का समर्थन मिला है. आपकी बार ये जिला परिषद के चेयरमैन की सीट के लिए दावेदारी ठोंक रहे हैं. वार्ड नंबर चार से जय भगवान सीकरी पिछले दो प्लान से जिला परिषद के मेंबर बनते आ रहे हैं. जो बीजेपी के बहुत पुराने कार्यकर्ता हैं. आबकी बारी ये भी चेयरमैन पद की दौड़ में शामिल हैं. बता दें कि करनाल में 9 नवंबर को जिला परिषद का चुनाव होगा. हालांकि अभी नामांकन प्रक्रिया जारी है. नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अन्य चेहरों की दावेदारी और समीकरण के बारे में पता चल पाएगा.

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