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किसानों को ना हाईवे जाम करने देंगे, ना सचिवालय का घेराव होगा- करनाल प्रशासन - करनाल उपायुक्त निशांत यादव किसान प्रदर्शन

करनाल में मंगलवार को किसानों की महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) होगी और साथ ही किसान जिला सचिवालय का भी घेराव करेंगे. किसानों की इस महापंचायत और लघु सचिवालय के घेराव को लेकर जिला प्रशासन ने प्रेसवार्ता कर जानकारी दी.

karnal DC on farmer protest
Karnal Kisan Mahapanchayat

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Published : Sep 6, 2021, 5:53 PM IST

करनाल:करनाल में मंगलवार को किसानों ने महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) के साथ-साथ जिला सचिवालय के घेराव का भी ऐलान किया है. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर करनाल की अनाज मंडी में किसान महापंचायत का आयोजन होगा. इस दौरान किसान करनाल लघु सचिवालय (Karnal Mini Secretariat) का घेराव करेंगे. किसानों की इस महापंचायत और लघु सचिवालय के घेराव को लेकर जिला प्रशासन ने भी तैयारी की है.

करनाल के उपायुक्त निशांत यादव और एसपी गंगाराम पूनिया ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि करनाल में आज रात 12 बजे से इंटरनेट सेवा बंद होगी. करनाल में धारा-144 लागू है. जिले में 5 एसपी, 25 डीएसपी, 10 पैरामिलिट्री फोर्स के साथ 40 कंपनियों को तैनात कर दिया गया है. किसी भी हालत में कानून हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा. कोई भी नियम और कानून तोड़ने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.

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प्रशासन का कहना है कि किसानों के साथ बैठक हुई थी. हम उनकी जायज मांगे सुनेंगे अगर वह बातचीत करने के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें हाईवे जाम नहीं करने देंगे और ना ही सचिवालय का घेराव करने देंगे. वहीं प्रशासन ने ये भी बताया कि सुरक्षा को देखते हुए हाईवे रूट को भी बदला गया है. जिन्हें दिल्ली से चंडीगढ़ और चंडीगढ़ से दिल्ली की ओर जाना है वह प्रशासन द्वारा तय किए गए रूट को ही फॉलो करें. प्रशासन ने साफ कहा है कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा.

बता दें कि, बीते दिनों करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद से ही किसान और सरकार आमने-सामने है. किसानों ने सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज में गलत किया है, इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.

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तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है. अगर 6 सितंबर तक सरकार ने बात नहीं मानी तो 7 सितंबर को पूरे हरियाणा के किसान करनाल में पहुंचेंगे और लघु सचिवालय का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे.

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