करनाल: किसी भी देश की तरक्की में युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इसलिए युवाओं के देश की रीड की हड्डी भी कहा जाता है. लेकिन भारत की अब यही रीड की हड्डी कमजोर होती जा रही है. युवाओं में विदेश जाकर पैसे कमाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है. पहले ये क्रेज पंजाब के युवाओं में ज्यादा होता था, लेकिन अब बड़ी संख्या में हरियाणा के युवा भी विदेशों की तरफ रुख (Haryana youth going abroad) करने लगे हैं. जिसकी वजह से गांव के गांव खाली हो रहे हैं.
क्योंकि बेटे के विदेश जाने की इच्छा पूरी करने के लिए मां-बाप जमीन तक बेचने को मजबूर हैं. करनाल के कई गांव ऐसे हैं जहां आपको 20 से 30 साल की उम्र के लोग बहुत ही कम देखने को मिलेंगे. इसे हरियाणा में रोजगार (unemployment in haryana) की कमी कहें या फिर जल्दी पैसा कमाकर अमीर बनने की चाहत. जो भी हो, बड़ी संख्या में युवाओं का विदेश जाना भारत के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकता है.
अकेले करनाल और कुरुक्षेत्र से हर महीने कम से कम 50 से 100 बच्चे विदेश जा रहे हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो हरियाणा में युवाओं की कमी हो जाएगी. जो आने वाले समय में सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है. धर्मवीर सिंह नाम के शख्स ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि नौकरियों में आजकल उतना पैसा नहीं कि जिससे उनका खर्च पूरा हो पाए, इसलिए ज्यादातर युवा बाहर जा रहे हैं, लेकिन ये एक चिंता का विषय भी है कि जब युवा ही बाहर चले जाएंगे तो देश में युवाओं की कमी खलेगी.