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हरियाणा में गरीब भी इस योजना के माध्यम से बन रहे आत्मनिर्भर, जानिए क्या है नियम और शर्तें

हरियाणा में गरीब वर्ग भी आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें, इसके लिए हरियाणा पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कल्याण निगम के माध्यम से बिना गारंटी ऋण मुहैया कराए जा रहे हैं. आखिर इस योजना का लाभ लेने के लिए क्या शर्त है और इसके लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Haryana Government Scheme)

Haryana Government Scheme
हरियाणा पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कल्याण निगम

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Published : Jun 9, 2023, 1:09 PM IST

करनाल: हरियाणा सरकार आमजन को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मुहैया करवाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. अधिक से अधिक युवा स्वरोजगार की राह पर आगे बढ़ें और प्रदेश की जीडीपी को बढ़ाने में अपना सहयोग दें, इसके लिए सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाए चलाई गई हैं. इन योजनाओं का सीधा लाभ आमजन को भी मिल रहा है. वहीं, गरीब परिवार अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करें, इसके लिए हरियाणा पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कल्याण निगम के माध्यम से 50 हजार से 1 लाख रुपये तक की राशि के ऋण बिना गारंटी के मुहैया करवाए जा रहे हैं. इससे गरीब व्यक्ति अपने घर पर ही काम काज शुरू करके अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं.

महिलाओं और पुरुषों के लिए कारगर है ये योजना: हरियाणा पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कल्याण निगम के माध्यम से मिलने वाले ऋण से महिलाएं सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, कॉस्मेटिक इत्यादि का कार्य कर सकती हैं. वहीं, पुरुष फर्नीचर, प्लम्बर, मोबाइल रिपेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स, किराने की दुकान इत्यादि का कार्य कर सकते हैं.

हरियाणा में गरीब भी इस योजना के माध्यम से बन रहे आत्मनिर्भर: करनाल जिला उपायुक्त अनीश कुमार ने कहा कि इस राशि का प्रयोग अपने कार्य को शुरू करने में करें और दूसरे लोगों को भी ऋण के माध्यम से आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें ताकि दूसरे गरीब लोग भी आत्मनिर्भर हो सकें. जो लोग ऋण अदायगी समय पर करते हैं, उन्हें निगम की ओर से राशि बढ़ाकर दोबारा से ऋण मुहैया करवाया जाता है. इसलिए कड़ी मेहनत और जुनून के साथ कार्य करें. निगम द्वारा ऋण राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी जाती है.

हरियाणा पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कल्याण निगम के माध्यम से गरीब बन रहे आत्मनिर्भर.

अंत्योदय उत्थान मेले से गरीबों के जीवन स्तर में सुधार: उपायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा दी जा रही इस मदद से गरीब लोग न केवल अपना स्वरोजगार स्थापित कर रहे हैं, बल्कि उनके आत्म सम्मान में भी बढ़ोतरी हुई है. प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत आत्मनिर्भर बने, इस दिशा में मुख्यमंत्री की सोच से ही प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर अंत्योदय उत्थान मेले का आयोजन किया गया था. अंत्योदय उत्थान मेले में 1 लाख तक की आय वाले गरीब लोगों को मौके पर ही ऋण मुहैया करवाकर उनके आर्थिक जीवन स्तर में सुधार लाने का कार्य हुआ है.

स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहे गरीब: इससे गरीब व्यक्ति स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बने हैं और इनके आत्मनिर्भर होने से समस्त भारतवर्ष आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैं. उपायुक्त ने आमजन से आह्वान किया कि खुद का रोजगार स्थापित करने के लिए हरियाणा पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कल्याण निगम की योजनाओं का लाभ लें और अपने पैरों पर खड़े होकर किसी अन्य को रोजगार देने में सक्षम बनें.

ऐसे लोग उठा सकते हैं योजना का लाभ: करनाल जिला उपायुक्त अनीश कुमार ने कहा कि इस योजना का लाभ सिर्फ उसी परिवार के सदस्य उठा सकते हैं, जिनकी सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपए है. इस योजना के तहत 50 हजार से एक लाख रुपए लाभ मिलता है.

योजना से इनकी आमदनी में हुई बढ़ोतरी.

कैसे करें आवेदन: इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता को अपने परिवार की सालाना इनकम, फैमिली आईडी, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित सीएससी सेंटर पर जाकर हरियाणा श्रम रोजगार की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं. वेरिफिकेशन होने के बाद 1 महीने के अंदर ही पैसे आवेदनकर्ता के खाते में सीधे ट्रांसफर किए जाते हैं, जिससे वह अपना कोई भी रोजगार शुरू कर सकता है.

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ये लोग उठा रहे हैं इस योजना का लाभ: चांद सराय निवासी मुबारक ने बताया कि उसने हरियाणा पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कल्याण निगम के माध्यम से मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना का लाभ लेकर 1 लाख रुपए का ऋण प्राप्त किया था. इस ऋण का सदुपयोग करते हुए किराने की दुकान की शुरुआत की और अपने परिवार का भरण पोषण करने में सक्षम हुआ.

मंगल कॉलोनी निवासी रमेश को हरियाणा पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कल्याण निगम के माध्यम से मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना का लाभ लेकर 50 हजार रुपए का ऋण प्राप्त हुआ था. इस पैसे से रमेश ने भी राशन की दुकान खोली, जिससे रमेश को भी अपनी आजीविका कमाने में मदद मिली है. इस योजना के चलते रमेश की सालाना आय 70 हजार से बढ़कर 1 लाख 20 हजार रुपये तक हो गई है.

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