करनाल: हिंदू धर्म में प्रत्येक तोहार व तिथि का काफी महत्व है उन्हें अगर अमावस्या की बात करें अमावस्या का भी हिंदू धर्म में काफी महत्व है हिंदू महीना चैत्र की 21 तारीख को चैत्र महीने की अमावस्या है. यह मंगलवार के दिन पड़ रही है इसलिए इसको भोमवती अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन भगवान हनुमान का पूजन करना काफी फलदायक माना जाता है. यह अमावस्या हिंदु साल साल की आखिरी अमावस्या है. हिंदू पंचांग के अनुसार माना जाता है कि यह अमावस्या हिंदू धर्म में खास महत्व रखती है. क्योंकि इस अमावस्या के दिन गृह और पितृदोष दूर करने के लिए बहुत ही ज्यादा फलदाई माना जाता है. चैत्र अमावस्या पर स्नान करने उपरांत दान पूजा करने का विशेष महत्व है. चैत्र अमावस्या को तंत्र मंत्र विद्या के साधना के लिए भी काफी अहम माना जाता है.
चैत्र अमावस्या का शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र अमावस्या के शुभ मुहूर्त का आरंभ 20 मार्च की रात 1:48 से शुरू होगा और 21 मार्च को 10:53 पर अमावस्या का समापन होगा. इस दौरान दान करने का विशेष महत्व है जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है और उनके पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. पितृ दोष दूर होते हैं.
चैत्र अमावस्या पर करें ये उपाय:हिंदू पंचांग और हिंदू शास्त्रों के अनुसार चैत्र महीने में आने वाली अमावस्या हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख अमावस्या होती है. क्योंकि इस अमावस्या के कुछ उपाय करने से पितृ दोष दूर हो जाते हैं. पंडित विश्वनाथ ने बताया कि चैत्र अमावस्या के दिन एक बर्तन में जल लें और उसमें तिल मिलाकर पितरों के नाम का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है और यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने से मनुष्य के पितरों आत्मा को शांति मिलती है.
अमावस्या के दिन दान का विशेष महत्व: मान्यता है कि इस दिन इंसान अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए अगर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ा कर घी का दीपक जलाएं. ऐसा करने से उसको कहीं कष्टों से मुक्ति मिलती है. चैत्र अमावस्या के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. छात्रा अमावस्या के दिन जरूरतमंदों व ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद दान करें इससे पितृ प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं और इससे पितृदोष भी खत्म होता है. वहीं, अगर इस दिन आप रोटी में घी और गुड़ मिलाकर गाय को देते हैं इसे भी आपके पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, जितने भी आपके पितर हैं गाय को रोटी देते समय उनका स्मरण जरूर करें.