कैथल:आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन ये सच है कि प्रदेश में ऐसा गांव भी है जहां अगर किसी इंसान को सांप काट ले तो भी इंसान को कुछ नहीं होता है. ये गांव कैथल जिले का रोहेड़ा है. इस गांव में पिछले करीब 4 सौ साल से परंपरा चली आ रही है, अगर यहां सांप किसी को काट ले तो उसकी मौत नहीं होती और साथ ही इस गांव में सांप को मारना भी पाप समझा जाता है.
बच्चे के साथ हुथा था सांप का जन्म
इस अनोखी बात के पीछे गांव के लोग एक कहानी बताते हैं. गांव के लोगों का कहना कि करीब चार सौ साल पहले कुंडू गोत्र के लोग गांव धोधड़िया से आकर यहां बसे गए थे. उसी समय एक महिला ने 1 बच्चे को जन्म दिया. जिसका नाम लख्मी रखा गया. कहा जाता है कि उस महिला की कोख से बच्चे के साथ एक सांप भी जन्मा था. महिला ने उस सांप का पालन पोषण अपने बच्चे की तरह किया था. सांप और बच्चा दोनों साथ पले और बड़े हो रहे थे. दोनों साथ ही खेलते थे.
सांप के मरते ही बच्चे ने त्याग दिए थे प्राण
भादर मास की चौथ के दिन महिला खेतों में पानी लेने के लिए गई हुई थी. महिला अपने बेटे के पास सांप को सुला गई. महिला के पीछे उसका भाई अचानक गांव आया. उसने देखा उसकी बहन घर पर नहीं और पालने में उसका भांजा सोया हुआ है और उसके पास सांप सो रहा है. उसने अपने भांजे को खतरे में महसूस करते हुए सांप को मार दिया. इधर सांप की मौत हुई और उधर भांजे ने भी अपने प्राण त्याग दिए.
इस दिन मेहमान को नहीं दिया जाता अन्न पानी