कैथल:कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है. हालांकि लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ शर्तों के साथ दुकानें खुल रही हैं, लेकिन इस लॉकडाउन ने व्यापार जगत और किसान दोनों की कमर तोड़कर रख दी है.
कैथल में कई ऐसे किसान हैं जो पिछले कई सालों से नेट हाउस फार्मिंग कर रहे हैं और नई तकनीक का प्रयोग करते हुए परंपरागत खेती को छोड़ चुके हैं. ऐसा करके ये किसान लाखों का मुनाफा कमा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से मुनाफा तो छोड़िए इन किसानों के लिए लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है.
युवा किसान जगरूप ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से आपकी बार नेट हाउस में खेती करने वाले किसानों की हालत बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है, क्योंकि नेट हाउस में खेती करने के लिए दूसरी खेती से ज्यादा खर्च आता है. अगर किसी भी फसल का बीज लेकर आना हो, उसकी देखरेख करनी हो तो उस पर लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी उन्हें फसलों के रेट अच्छे नहीं मिल रहे हैं.
जगरूप ने बताया कि उन्होंने इस बार खीरे की खेती की है. फसल भी अच्छी हुई है, लेकिन मार्केट में खीरे के दाम 7 से 8 रुपये प्रति किलो मिल रहे हैं. जबकि पहले खीरा 15 से 20 रुपये किलो बिक जाता था.