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आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स की समस्याओं का समाधान निकाले सरकार- राकेश टिकैत - संयुक्त किसान मोर्चा

कैथल में आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स की समस्याओं को लेकर जन महापंचायत आयोजित की गई. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा इस आंदोलन का पुरजोर समर्थन करता है. इनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ तो कंधे से कंधे मिलाकर आंदोलन होगा.

jan mahapanchayat organized in Kaitha
कैथल में जन महापंचायत.

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Published : Mar 26, 2022, 9:29 PM IST

कैथल: आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स की राज्य तालमेल कमेटी के बैनर से शनिवार को कैथल में जन महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता देवेंद्री शर्मा ने की थी. जन महापंचायत ने प्रस्ताव पारित किया कि संयुक्त किसान मोर्चा एक का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर मांगो का समाधान करवाने का प्रयास करेगा. यदि मांगों का समाधान नहीं हुआ तो मोर्चा सहित प्रदेश के तमाम मजदूर कर्मचारी महिला संगठनों की 30 मार्च को रोहतक में संयुक्त बैठक करके आगामी आंदोलन का आगाज किया जायेगा.

जन महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि करीब 4 महीने से आंदोलन लड़ रही बहादुर महिलाओं को सलाम करता हूं. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा इस आंदोलन का पुरजोर समर्थन करता है. हम हरियाणा सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह तालमेल कमेटी से बातचीत करके मांगों का निपटारा करे. इतनी बड़ी मांगे नहीं हैं, जिसके लिए हजारों महिलाओं को महीनों तक सड़कों पर बैठना पड़ रहा है.

कैथल में आयोजित जन महापंचायत में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत.

राकेश टिकैट ने कहा कि ये महिलाएं किसान मजदूर परिवार से संबंध रखती हैं, इसलिए इनके समर्थन में आना स्वाभाविक है. सरकार अलग-अलग हिस्सों में बांटकर हमारी एकता तोड़ने की सोचती है, लेकिन हम सब मिलकर लड़ेंगे. सरकार बातचीत से मांगों का समाधान निकाले नहीं तो संयुक्त किसान मोर्चा पूरी तैयारी के साथ आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर मैदान में उतरेगा.

गौरतलब है कि आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स 8 दिसंबर 2021 से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हेल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं. इसके अलावा वर्ष 2018 में मानी गई मांगों को लागू किया जाए. महंगाई भत्ते की किश्तें जारी की जाएं.

वर्करों व हेल्परों पर ऑनलाइन कार्य का दबाव न बनाया जाए. हालांकि विरोध को देखते हुए सरकार ने आंगनबाड़ी और हेल्पर्स को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई, लेकिन वार्ता में कुछ हल नहीं निकला पाया. ऐसे में इन आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने मांगें माने जाने तक आंदोलन का ऐलान कर रखा है.

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