कैथल:हरियाणा सरकार इन दिनों पोषण महा मना रही है ताकि हरियाणा का कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे. वहीं गरीबों के लिए शुरू की गई अन्य योजना के लिए करोड़ों रुपयों का भंडारण किया गया सरकारी गेहूं अधिकारियों की लापरवाही के कारण सड़ (Government wheat spoiled in Haryana) गया. हैरान करने वाली बात है कि गेहूं के कई स्टॉक को तो बिना किसी क्रेट के सीधा जमीन पर ही रखा हुआ था. जिस कारण बारिश का पानी गेहूं में गिरने की वजह गेहूं पूरी तरह से सड़ गए और सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.
बता दें कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही के कारण पूंडरी के गोदाम में रखा करीब 6.50 करोड़ कीमत का 3200 एमटी गेहूं अब मिट्टी बन गया है. यदि अधिकारी और कर्मचारी इस गेहूं को संभालकर रखते तो 6.40 लाख गरीब लोगों को एक माह का राशन मिल जाता. लेकिन किसी भी कर्मचारी और अधिकारी ने इस और ध्यान नहीं दिया.
गेहूं के अब लोथड़े बन गए हैं और उसमें बदबू आने लगी है. गोदाम में रखे इस गेहूं को नॉन इशूबल यानि (एफसीआई को पीडीएस में देने लायक नहीं) घोषित कर दिया है. वहीं, करोड़ों रुपये की कीमत के गेहूं को खराब होने से बचाने की जिम्मेदारी किस की थी, इसकी जांच कर दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इससे पहले खराब हुए गेहूं को अब ई-ऑक्शन करके सस्ते दामों पर प्राइवेट कंपनियों को बेचा जा (wheat auction in Haryana) रहा है.