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पिता ने अविवाहिता बेटी को बनाया बंधक, सुध लेने के लिए पहुंची महिला आयोग की टीम - कैथल समाचार

पीड़िता की बहन ने कहा है कि उसकी बहन को पिता द्वारा लंबे समय से बंधक बनाकर रखा गया है. इससे उसकी दयनीय हालात है और उसे यहां से मुक्त करवाया जाए.

Father holds unmarried daughter hostage in kaithal
पिता ने अविवाहिता बेटी को बनाया बंधक

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Published : Mar 7, 2020, 10:29 AM IST

Updated : Mar 7, 2020, 11:14 AM IST

कैथल: जिले के एक गांव में करीब 87 वर्षीय एक पिता द्वारा अपनी ही 40 वर्षीय एमए-बीएड बेटी को घर में बंधक बनाकर रखा गया. जिस घर में बेटी को बंधक बनाकर रखा जा रहा है वो एक छोटा सा कमरा है और उस छोटे से कमरे की हालत बहुत ही जर्जर है. इसमें ना तो अगल से कोई रसोई है, ना बाथरूम और ना ही कोई शौचालय की सुविधा है. इसी घर में गंदगी का आलम भी है. घर ऐसा कि कभी भी गिर जाए.

पिता ने अविवाहिता बेटी को बनाया बंधक, देखें वीडियो

बेटी को बनाया बंधक

पिता अगर घर से बाहर जाता है तो घर के आगे कूंडी या फिर ताला लगाकर ही घर से बाहर जाता है. इस बात का खुलासा भी बंधक बनी लड़की की बड़ी बहन ने एक सामाजिक संस्था को चिट्टी लिखकर की. पीड़िता की बहन ने चिट्टी में कहा कि उसकी बहन को पिता द्वारा लंबे समय से बंधक बनाकर रखा गया है. इससे उसकी दयनीय हालात है और उसे यहां से मुक्त करवाया जाए.

महिला आयोग की टीम ने कराया मुक्त

इस सारे प्रकरण को लेकर सामाजिक संस्था की प्रधान रमनदीप कौर ने महिला आयोग को सूचित किया. महिला आयोग की टीम ने इस सारे मामले पर संज्ञान लेते हुए गांव में पीड़िता के घर का निरीक्षण किया. महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड़ अपने साथ संरक्षण अधिकारी सुनीता शर्मा, सामाजिक संस्था की प्रधान रमनदीप कौर, महिला एसएचओ नन्ही देवी, पूंडरी पुलिस, शिकायकर्ता पीड़िता की बड़ी बहन के साथ बंधक बनाई गई लड़की की कांऊसलिंग करने उनके घर पहुंची.

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आयोग की सदस्य ने करीब तीन घंटे तक मामले की जानकारी हासिल की और लड़की व लड़की के पिता से भी विस्तार से बात की गई. इसके साथ-साथ टीम ने ग्रामीणों व आसपास के लोगों से भी बात की. ग्रामीणों को कहना है कि पिता द्वारा इस तरह से लड़की को रखा जा रहा है जोकि गलत है. लड़की को इस बंधन से मुक्ति मिलनी चाहिए. आयोग की सदस्य ने पुलिस को आदेश दिए कि बंधक बनाई गई लड़की को कांऊसलिंग के लिए वन स्टॉप सेंटर ले जाया जाए.

इस पर पुलिस ने बंधक बनाई गई लड़की व उसके पिता को कांऊसलिंग के लिए गाड़ी में बैठा लिया लेकिन टीम की सदस्य अभी गांव से बाहर भी नहीं निकली थी कि पुलिस द्वारा बंधक बनाई लड़की व उनके पिता के एक कागज पर हस्ताक्षर करवाकर उन्हें छोड़ दिया गया.

भड़की आयोग की टीम ने किया आईजी भारती अरोड़ा को फोन

आयोग के कहने के बाद भी पुलिस द्वारा उन्हें कांऊसलिंग के लिए न ले जाने से आयोग की टीम भड़क गई. उन्होंने पुलिस की इस तरह की लापरवाही को लेकर आईजी भारती अरोड़ा को सूचना दी. भारती अरोड़ा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत डीएसपी को आदेश दिए तो इसके बाद डीएसपी आयोग की सदस्य के पास पहुंचे.

डीसी ने किए पुलिस को आदेश

इसके बाद डीएसपी कृष्ण कुमार महिला आयोग की सदस्य के पास पहुंचे और उन्होंने महिला पुलिस, प्रोटेक्शन ऑफिसर व पूंडरी पुलिस को आदेश दिए कि उक्क्त लड़की को कांऊसलिंग के लिए वन स्टॉप सेंटर पहुंचाया जाए.

महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड ने बताया कि जब तक पुलिस लड़की की कांऊसलिंग नहीं करवाती तब तक वे कैथल रेस्ट हाऊस में ही डटी हैं. उसका काम महिला के हितों के लिए काम करना है. इसी काम के लिए वे कैथल पहुंची हैं. महिलाओं को न्याय दिलवाना ही आयोग का काम है.

Last Updated : Mar 7, 2020, 11:14 AM IST

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