झज्जर: कानोंदा गांव के लोगों को उस वक्त धक्का लगा जब उनकी काटी गई कॉलोनी को प्लॉट मालिक ने देने से इंकार कर दिया. पीड़ित लोग इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला है. इस मामले की शिकायत लेकर लोग थाने जा पहुंचे.
अपने आशियाने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों का उस वक्त सपना टूट गया जब प्रॉपर्टी मालिक ने उन्हें जमीन देने से मना कर दिया. प्लॉट के पूरे पैसे देने के बावजूद लोग धक्के खाने को मजबूर हैं.
इंसाफ की गुहार लगाते हुए लोग. ये था मामला
बहादुरगढ़ के कानोंदा गांव में 6 साल पहले गरीब लोगों ने पाई-पाई जोड़ कर छोटे-छोटे प्लॉट खरीदे थे. इन प्लाटों का फुल पेमेंट एग्रीमेंट और पावर ऑफ अटॉर्नी तक गरीबों के नाम कर दी गई, लेकिन प्लॉट का कब्जा आज तक उन्हें नहीं मिला है.
प्रॉपर्टी डीलर की हुई मौत
दरअसल दिल्ली निवासी एक प्रॉपर्टी डीलर ने कानोंदा गांव के जमींदारों से मिलकर 6 साल पहले एक कॉलोनी काटी थी. करीब डेढ़ सौ लोगों ने पाई-पाई जोड़ कर वहां पर अपने आशियाने बनाने के लिए प्लॉट खरीदे थे, लेकिन कुछ समय बाद ही प्रॉपर्टी डीलर विजय की मौत हो गई.
जिसके बाद जमीन के मालिकों ने प्लॉट खरीदने वाले लोगों को जमीन देने से मना कर दिया. तब से लेकर अब तक यह गरीब लोग अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर ही काट रहे हैं. पीड़ितों को अब तक प्लॉट मिलने तक का आश्वासन भी नहीं मिला है.
वहीं शिकायत लेकर पहुंचे लोगों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन भी उनका साथ नहीं दे रहा. जमीन खरीदने के 6 साल बाद भी उन्हें उनके प्लॉट लेने के लिए ज्यादा रकम अदा करने का दबाव डाला जा रहा है.
जब वे पुलिस से इसकी शिकायत करते हैं, तो उन्हें डरा धमका दिया जाता है. वहीं इस बारे में कोई भी पुलिस अधिकारी बात करने के लिए मीडिया के सामने भी तैयार नहीं है.