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प्रदेश में आरक्षित पंचायतों के चयन के लिए दोबारा होगा ड्रॉ: डिप्टी स्पीकर - डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा

अब पंचायतों से लेकर जिला परिषद के वार्डों तक नए सिरे से आरक्षण करना पड़ेगा, क्योंकि विधानसभा की तरफ से नया आरक्षण विधेयक पास करने के बाद अब समीकरण बिल्कुल बदल गए हैं.

haryana deputy speaker said selection of reserved panchayats will be draw again
हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा हरियाणा में पंचायती चुनाव पर बोलते हुए

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Published : Nov 16, 2020, 8:08 PM IST

झज्जर:सोमवार को डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा झज्जर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हरियाणा में पंचायती चुनाव के लिए जिन पंचायतों को ड्रॉ निकाला जा चुका था, अब वो प्रक्रिया दोबारा से की जाएगी. अब पंचायतों से लेकर जिला परिषद के वार्डों तक नए सिरे से आरक्षण करना पड़ेगा, क्योंकि अब पचास फीसदी महिलाओं और आठ फीसदी बीसी-ए वर्ग के लिए भी आरक्षण का प्रावधान भी करना पड़ेगा.

'सरकार करेगी पिछड़ा वर्ग सम्मान सम्मेलन'

डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने पत्रकारों के मुखातिब होते हुए कहा कि हरियाणा में पंचायती चुनाव समय पर होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पंचायती चुनाव में बीसीए का कोटा बढ़ाया जाना निश्चित रूप से एक सराहनीय कदम है और उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है. इसलिए हिसार में मुख्यमंत्री के सम्मान में एक कार्यक्रम किया गया है. जहां प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के लोग पहुंचकर सीएम मनोहर लाल का आभार जताएंगे.

डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने पंचायती चुनाव को लेकर क्या कहा? देखिए वीडियो

'जून में हो चुका था आरक्षित पंचायतों का चुनाव'

बता दें कि चुनाव आयोग ने जून 2020 में जिला प्रशासन को पंचायती राज संस्थाओं का आरक्षण मुकम्मल करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद जिला प्रशासन ने जिला परिषद के 14 वार्डों में से आरक्षित वार्डों का निर्धारण कर दिया था. जिनमें अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित वार्डों का निर्धारण को जनगणना के आधार पर हुआ था. जबकि, महिलाओं के लिए आरक्षित चार वार्डों और अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित एक वार्ड का निर्धारण ड्रॉ के जरिये हुआ था.

इसी तरह पांच पंचायत समितियों के अध्यक्षों में से अनुसूचित जाति के लिए एक आरक्षित का चयन जनगणना द्वारा हुआ था. बाकी दो-दो समिति अध्यक्षों में से जो पहले महिला आरक्षित थे, अब अनारक्षित हो गए थे और दोनों अनारक्षित महिला आरक्षित हो गए थे. जिला प्रशासन ने इसी तर्ज पर जिले की 139 पंचायतों के लिए आरक्षण फाइनल कर दिया था, लेकिन विधानसभा द्वारा नया आरक्षण विधेयक पास करने के बाद अब समीकरण बिल्कुल बदल गए हैं.

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