झज्जर: छारा गांव के किसान पिछले कई दिनों से भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे. आपको बता दें कि हाईवे बनाने के लिए छारा गांव के किसानों की करीब 85 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था. आंदोलन से पहले छारा गांव के किसानों की अधिकृत जमीन का मुआवजा करीब 40 लाख रुपए प्रति एकड़ बनाया गया था. जबकि पास के गांव की जमीन का मुआवजा 1 करोड़ से ज्यादा दिया गया था. जिसके बाद किसान धरने पर बैठे थे. उन्होंने सरकार से मांग की थी कि साथ लगते गांव के किसानों को उनसे ज्यादा मुआवजा दिया गया है, इसलिए उन्हें भी मुआवजा ज्यादा दिया जाए.
किसानों का धरना हुआ सफल, सरकार ने बढ़ाई मुआवजे की राशि - रमेश दलाल
बहादुरगढ़ के छारा गांव के किसानों की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा सरकार ने अब बढ़ा दिया है. किसानों को अब करीब एक करोड़ 11 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिलेगा. मुआवजा बढ़ने से किसान बेहद खुश हैं. लेकिन मुआवजे की राशि और बढ़ाए जाने के लिए करेंगे कोर्ट में केस.
किसानों की मांग के बाद प्रशासन ने मुआवजा बढ़ाने के लिए एक कमेटी का गठन किया. उस कमेटी की सिफारिश के आधार पर डीआरओ ने गांव की जमीन का बाजार भाव 40 लाख रुपये प्रति एकड़ तय कर दिया है और अपना रेट तय करने की चिट्ठी एनएचएआई के पास भेज दी है. अब इसी के आधार पर ग्रामीणों को एक करोड़ से ज्यादा का मुआवजा मिलने वाला है.
भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं इनेलो नेता रमेश दलाल ने मनोहर सरकार के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का भी धन्यवाद किया है. हालांकि उनका कहना है कि धरना फिलहाल जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि वे उचित रूप से धरने की समाप्ति करेंगे और साथ ही कोर्ट में केस लगा कर मुआवजा राशि और ज्यादा बढ़ाने की मांग करेंगे.