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गेहूं की पेमेंट ना होने पर धरने पर बैठे किसान और आढ़ती

हिसार में किसान और आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. किसानों और आढ़तियों का आरोप है कि सरकार ने उनके अनाज की पेमेंट नहीं की. साथ ही उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए.

Farmers and traders protest for non-payment of wheat in hansi
Farmers and traders protest for non-payment of wheat in hansi

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Published : May 15, 2020, 9:04 PM IST

हिसार:गेहूं की पेमेंट ना मिलने से हिसार के किसान और आढ़ती दोनों परेशान हैं. अधिकतर किसानों का गेहूं बिक चुका हैं, लेकिन उन्हें अभी तक एक पैसा भी नहीं मिला है. सरकार के रवैये के खिलाफ किसानों और आढ़तियों ने अनाज मंडी मार्केट में कमेटी के गेट के सामने रोष व्यक्त करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

किसानों ने खोला मोर्चा

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए आढ़तियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि एक निजी बैंक के जरिए किसानों का भुगतान किया जा रहा है. बैंकों की कार्यप्राणली के चलते ही किसानों के खातों में गेहूं की पेमेंट नहीं आ रही है. हांसी अनाज मंडी में करीब छह लाख क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है. किसानों का करीब 1.25 अरब रुपये बकाया है.

गेहूं का पेमेंट ना होने पर धरने पर बैठे किसान और आढ़ती

आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान राम अवतार ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी अधिकारी से अभी तक उनकी बातचीत नहीं हुई है. पूरे हरियाणा में गेहूं खरीद की पेमेंट नहीं आई है. कुछ पेमेंट आई थी जो चंडीगढ़ कॉपरेटिव बैंक के प्राइवेट खाते में चली गई. इसके बाद कोई पेमेंट नहीं हुई है.

नोडल अधिकारी पर लगाए आरोप

हांसी मंडी का पेमेंट लगभग 125 करोड़ बकाया है. उन्होंने अधिकारीयों पर आरोप लगाते हुए कहा कि नोडल अधकारी आढ़तियों को परेशान कर रहे हैं. मंडी में जितना गेहूं है, वो किसानों का है. आढ़तियों का गेहूं मंडी में नहीं है. मंडी में पड़े गेहूं का सरकार वजन करवाके उठाए, जिसके बाद खुद पता लग जाएगा कि आढ़तियों के पास गेहूं है या नहीं.

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खरीफ की फसल की बुवाई के लिए किसानों ने तैयारी शुरु कर दी है, लेकिन पेमेंट ना मिलने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना महामारी के दौर में किसान पहले ही परेशान हैं. ऐसे में गेहूं का भुगतान ना मिलने से उसकी परेशानी और बढ़ गई है.

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