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खतरनाक हो सकता है कोरोना वैक्सीन से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट, जानें कैसे होता है डिस्पोज

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Published : Jan 28, 2021, 2:19 PM IST

गुरुग्राम में हर रोज 4 हजार लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है. जब इनते बड़े स्तर पर वैक्सीन लगाई जाएगी तो इससे होने वाला बायो मेडिकल वेस्ट भी बड़े स्तर पर होगा. ऐसे में इसे डिस्पोज करना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चुनौती बना हुआ है. इसे लेकर गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग की क्या तैयारियां हैं इस रिपोर्ट में पढ़िए.

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खतरनाक हो सकता है कोरोना वैक्सीन से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट

गुरुग्राम:देश में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन अभियान जारी है. एक तरफ जहां वैक्सीन की डिलीवरी कराना स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बड़ी चुनौती है. तो वहीं दूसरी तरफ वैक्सीनेशन के दौरान निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट को सही ढंग से डिस्पोज करना भी एक चुनौतीपूर्ण काम है.

अगर बात साइबर सिटी गुरुग्राम की करें तो यहां पिछले 12 दिनों से वैक्सीन लगाई जा रही है. अभी तक साइबर सिटी में 18746 फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. ऐसे में गुरुग्राम में किस तरह से बायोमेडिकल वेस्ट को डिस्पोज किया जा रहा है. ये बताया चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. वीरेंद्र यादव ने.

खतरनाक हो सकता है कोरोना वैक्सीन से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट

बायो मेडिकल वेस्ट उठाने के लिए एजेंसी को टेंडर

गुरुग्राम के सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव की मानें तो वैक्सीन लगवाने के बाद जो बायो मेडिकल वेस्ट इकट्ठा होता है, उसके लिए एक एजेंसी को टेंडर दिया गया है. साथ ही इसके बायो मेडिकल वेस्ट की जानकारी वैक्सीनेशन केंद्र के ही कर्मी पोर्टल पर डालते हैं, जिससे एजेंसी को पता रहे कि किस जगह पर कितना बायो मेडिकल वेस्ट इकट्ठा हो चुका है और वो उसे वहां से उठा सकें.

24 घंटे के अंदर बायो मेडिकल वेस्ट का उठान

गुरुग्राम के सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव के मुताबिक बायो मेडिकल वेस्ट उठाने वाली कंपनी को 24 घंटे के अंदर तमाम केंद्रों से बायो मेडिकल वेस्ट उठाना होता है. हालांकि अभी तक ये कंपनी ठीक तरह से काम कर रही है और 24 घंटे के अंदर ही बायो मेडिकल वेस्ट को पीएससी केंद्रों से उठाना होता है.

वेस्ट डिस्पोज करने की दी गई है ट्रेनिंग

वहीं कोरोना वैक्सीनेटर कांता देवी ने बताया कि 45 केंद्रों पर 331 नर्सों को वैक्सीनेटर के तौर पर नियुक्त किया गया है. सभी नर्सों को विभाग की ओर से पहले ही ट्रेनिंग दी गई थी कि कैसे वैक्सीनेशन के दौरान निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज किया जाएगा. कांता देवी ने बताया कि अलग-अलग बायो मेडिकल वेस्ट के लिए अलग-अलग रंग के कूड़ेदान होते हैं, जिन्हें उन्हीं में डालना होता है.

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बायो मेडिकल वेस्ट सही ढंग से डिस्पोज करने का दावा

गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग की मानें तो गुरुग्राम में 45 केंद्रों पर कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है. इसके लिए सोमवार, बुधवार और शनिवार का दिन तय किया गया है. इन सेंटर्स पर हर रोज 4 हजार लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है. जब इनते बड़े स्तर पर वैक्सीन लगाई जाएगी तो इससे होने वाला बायो मेडिकल वेस्ट भी बड़े स्तर पर होगा.

ऐसे में इसे डिस्पोज करना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चुनौती बना हुआ है. हालांकि विभाग का दावा है कि स्वास्थ्य कर्मी और केंद्र पर नियुक्त किए गए वैक्सीनेटर की मदद से बायो मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने का काम सुचारू रूप से किया जा रहा है.

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