गुरुग्रामः सोहना के भोंडसी में राजेन्द्र नाम के एक शख्स का मिट्टी के बर्तन बनाने का कारोबार है. राजेन्द्र अपने परिवार से साथ अरावली की तलहटी में रहते हैं. राजेंद्र के एक बेटे ने कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया है तो वहीं दूसरे बेटे ने मैकेनिकल से पॉलिटेक्निक डिप्लोमा किया है.
कलयुग के 'श्रवण कुमार', पिता के लिए नौकरी छोड़ बना रहे हैं मिट्टी के बर्तन - utensils
आज के दौर में युवा इंजीनियरिंग करके किसी कंपनी में नौकरी करना पसंद करते हैं, लेकिन गुरुग्राम के सोहना में 2 भाई ऐसे भी हैं जिन्होंने इंजीनियरिंग तो जरूर की है लेकिन नौकरी के लिए नहीं बल्कि अपने पिता के लिए.
डिजाइन फोटो
राजेंद्र के दोनों बेटे अपने पिता के साथ मिलकर मिट्टी के बर्तनों के कारोबार को बढ़ाने और अपनी पुश्तैनी यादों को जीवित रखने के लिए काम कर रहे हैं. राजेन्द्र की बूढ़ी मां भी बर्तनों की पैकिंग कर अपने बेटे का हौसला अफजाई करती रहती हैं.