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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 5, 2023, 7:51 PM IST

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फतेहाबाद में पंचायती राज अधिकार बचाओ रैली: भूपेंद्र हुड्डा बोले- कांग्रेस के सत्ता में आने पर खत्म की जाएगी ई टेंडरिंग व्यवस्था

Sarpanch Rally In Tohana: रविवार को फतेहाबाद जिले के टोहाना में पंचायती राज अधिकार बचाओ रैली का आयोजन किया गया. इस रैली में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने शिरकत की. इस दौरान भूपेंद्र हुड्डा ने चुनावी घोषणाएं की.

Sarpanch rally in Tohana
Sarpanch rally in Tohana

फतेहाबाद: रविवार को कांग्रेस समर्थित सरपंचों ने टोहाना में पंचायती राज अधिकार बचाओ रैली का आयोजन किया. इस रैली में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने शिरकत की. इस दौरान भूपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर जमकर निशाना साधा. भूपेंद्र हुड्डा ने इस रैली में कई चुनावी घोषणाएं भी की. रैली में हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी मौजूद रहे. इस मौके पर पंचायत प्रतिनिधी और हजारों की तादाद में लोग मौजूद रहे.

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भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अगर साल 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी तो पंचायतों को ठेकेदारों के हवाले करने वाली और भ्रष्टाचार की जननी ई-टेंडरिंग व्यवस्था को खत्म किया जाएगा. इसके अलावा पंचायती राज में विधायकों के हस्तक्षेप और राइट टू रिकॉल के प्रावधान वापस लिए जाएंगे, ताकि पंचायतों की स्वतंत्रता सुनिश्चित हो सके. रैली में भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि ग्राम पंचायत असली सरकार होती है.

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज की परिकल्पना की थी, जिसको कांग्रेस ने अमलीजामा पहनाया. इसके लिए जिस वक्त संविधान 73 और 74वां संशोधन हुआ. उस वक्त वो बतौर सांसद लोकसभा में मौजूद थे. इस संशोधन में पंचायतों को पूरी शक्ति देने का प्रावधान किया गया था, लेकिन बीजेपी-जेजेपी ने ई-टेंडरिंग, विधायकों के हस्तक्षेप और राइट टू रिकॉल जैसी व्यवस्था को लागू करके इन अधिकारों पर कुठाराघात करने का काम किया.

हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार राइट टू रिकॉल लाना चाहती है, तो इसे सबसे पहले विधायक व सांसदों पर लागू करना चाहिए. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी लोकतांत्रिक संस्थाओं में विश्वास नहीं रखती और सब कुछ ठेकेदारों के हवाले करना चाहती है, ताकि वो दोनों हाथों से जनता के पैसों को लूट सके और किसी को जवाब भी ना देना पड़े. गांवों के विकास के लिए जो कार्य चुनी हुई पंचायतें कर सकती हैं. वो कोई ठेकेदार या अधिकारी नहीं कर सकता.

उन्होंने बताया कि 2005 में जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनी, तो ज्यादातर गांव में कच्ची गलियां थीं, गांव की सड़कें और पगडंडिया कच्ची थी, लेकिन कांग्रेस ने पंचायतों पर भरोसा किया और बुनियादी ढांचे का सुधार करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये खर्च किया, साथ ही ग्रामीण विकास आयोग और वित्त आयोग बनाया गया. वित्त आयोग की सिफारिश से पहली बार पंचायत को सीधा 12,000 करोड़ रुपये भेजा गया.

इसका नतीजा ये हुआ कि 2014 तक प्रदेश के हर गांव में गलियां, सड़कें, पगडंडी पक्की थी. गांव में सीमेंटेड सड़कें बनाने की शुरुआत कांग्रेस कार्यकाल में ही हुई थी. आदर्श गांव विकसित करने की पहल भी तभी हुई थी. इसका नतीजा ये हुआ कि हरियाणा का ग्रामीण विकास पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल की तरह उभरा, जिससे बाकी राज्यों ने भी सीख ली.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान ही महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत 100-100 गज के 3,82,000 प्लॉट मुफ्त बांटे गए. ये देश के इतिहास की पहली ऐसी योजना थी. गांव में साफ-सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक कलम से सीधे 11000 सफाई कर्मियों को रखा गया. पंचायती राज संस्थाओं को मानदेय देने की शुरुआत की गई और गांव-गांव में खेल स्टेडियम बनाए गए.

ग्रामीण और किसानों को राहत देने के लिए 1600 करोड़ रुपये के बिजली बिल माफ किए गए. इन तमाम क्रांतिकारी और कल्याणकारी योजनाओं के चलते हरियाणा ने विकास की नई उड़ान भरी और हरियाणा प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार देने और विकास के हर पैमाने पर देश का नंबर वन राज्य बन गया, लेकिन आज बीजेपी-जेजेपी ने हरियाणा को बेरोजगारी, अपराध, नशे और बदहाली में पहले पायदान पर पहुंचा दिया है.

ऐसे में जरूरी है कि फिर से कांग्रेस सत्ता में आए और उन कल्याणकारी योजनाओं को फिर से आरंभ किया जाए. हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस सरकार बनने पर बुजुर्गों को ₹6000 पेंशन, गृहिणी को ₹500 में गैस सिलेंडर, ₹300 यूनिट मुफ्त बिजली और 100 गज के प्लॉट आवंटन की योजना शुरू की जाएगी. पंच, सरपंच और नंबरदारों के मान सम्मान का पूर्ण ध्यान रखते हुए रैली में रखी गई तमाम मांगों को पूरा किया जाएगा.

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इस मौके पर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि कांग्रेस ने पंचायती राज दिया, लेकिन इस सरकार ने पंचायतों को दी शक्तियों को छीन लिया. इस सरकार ने 2 साल तक चुनाव ना करवाकर प्रदेश की जनता को मूर्ख बनाया, फिर पंचायतों के के अधिकारों पर कुठारगाहट करने का कार्य किया है. कांग्रेस कार्यकाल में पंचायतों को 20 लाख तक के काम करवाने का अधिकार था, लेकिन इस सरकार ने उनको 2 लाख सीमित कर दिया. इतना ही नहीं विरोध करने पर सरपंचों पर लाठियां भांजी गईं. अब प्रदेश की जनता इनका बदला वोट की चोट से लेने जा रही है.

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