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'पुलिस पहचान नहीं पाई, सामने से बच निकला विकास दुबे'

फरीदाबाद में जिस मिष्ठान भंडार की सीसीटीवी में विकास दुबे की फुटेज रिकॉर्ड होने की खबर आई है, उस दुकान के मालिक ने कहा कि, मेरे सामने पुलिस वालों ने माना कि CCTV वाला शख्स हमारे सामने निकल गया, पहचान नहीं पाए, क्योंकि विकास दुबे ने मास्क पहना हुआ था.

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'पुलिस पहचान नहीं पाई, सामने से बच निकला विकास दुबे'

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Published : Jul 8, 2020, 5:21 PM IST

फरीदाबाद: उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदमाश विकास दुबे फिल्मी अंदाज में पुलिस वालों की आंखों के सामने से निकल गया और खाकी उसकी तलाश में अभी भी खाक छान रही है.

मंगलवार शाम को खबर आई कि विकास दूबे फरीदाबाद के राष्ट्रीय राजमार्ग बड़खल चौक स्थित श्रीसासाराम ओयो गेस्ट हाउस में अपने गुर्गों के साथ छिपा हुआ है, पुलिस ने वहां रेड की, लेकिन अब पुलिस का कहना है कि छापेमारी से पहले ही विकास दुबे वहां से फरार हो गया. पुलिस के मुताबिक ओयो होटल से फरार होने के बाद विकास दुबे फरीदाबाद के सेक्टर-86 के रोड पर देखा गया. जहां वो एक बीकानेर मिष्ठान भंडार के सामने से ऑटो पकड़ कर जाते हुए देखा. ये पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया.

वीडियो में देखिए सीसीटीवी फुटेज के बारे में मिष्ठान भंडार के मालिक ने ईटीवी भारत को क्या कहा?

'पुलिस ने माना सामने से निकल गया, पहचान नहीं पाए'

ईटीवी भारत को बातचीत करते हुए बीकानेर मिष्ठान भंडार के मालिक ने बताया कि, पुलिस उनके यहां पर आई और उनका सीसीटीवी चेक किया. सीसीटीवी में पाया गया कि विकास दुबे ठीक उनकी दुकान के सामने से ऑटो में बैठकर निकल गया.

दुकान मालिक ने कहा कि पुलिस ने उसके सामने माना कि गैंगस्टर विकास दुबे उनकी आंखों के सामने ऑटो में बैठकर फरार हो गया और वो उसको पहचान नहीं सकी. उसके बाद ही कुछ समय बाद पुलिस वहां पर पहुंची. पुलिस की दूसरी जिप्सी में सवार पुलिस के लोगों का कहना था कि उन्होंने विकास दुबबे को बॉर्डर के पास ऑटो में देखा है, लेकिन पहचान नहीं सके. विकास दुबे ने मास्क पहना हुआ था, जिस वजह से वह उनके हाथ से निकल गया.

विकास दुबे ने की 8 पुलिसकर्मियों की हत्या

गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने जमकर फायरिंग की थी. इस हमले में डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जिसके बाद पूरे प्रदेश भर में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि विकास दुबे को पुलिस की दबिश की पहले से जानकारी थी. जब पुलिस वहां पहुंची तो विकास दुबे और उसको साथी पूरी तरीके से तैयार थे और उन्हें अपने साथियों को बुलाने का मौका मिल गया. उन्होंने एक नहीं बल्कि आसपास के तीन चार मकानों की छतों से चढ़कर घेराबंदी की थी. जैसे ही पुलिस पार्टी वहां पहुंची, उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस के पास संभलने तक का वक्त नहीं मिला. एक लाख का इनामी विकास दुबे और उसके गुर्गे ने पेशेवर शूटरों की तरीके से ऊंचाई का भरपूर लाभ उठाते हुए पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया.

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