फरीदाबाद: विश्व में अपनी अलग पहचान बना चुके अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले (Surajkund Mela Faridabad 2022) का आयोजन अब इस साल 19 मार्च से किया जा रहा है. फरीदाबाद की पहाड़ियों में लगने वाला यह 35वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला होगा. कोरोना के चलते वर्ष 2021 में मेला नहीं लग पाया था. आमतौर पर यह मेला फरवरी के महीने में लगता है, लेकिन इस बार इसको पहली बार मार्च के महीने से शुरू किया जा रहा है.
कोरोना के कारण वर्ष 2021 में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले को पर्यटन विभाग को रद्द करना पड़ा था. जिसके बाद वर्ष 2022 में मेले को फिर से लगाने की कवायद शुरू की गई. पर्यटन विभाग की तरफ से मेला परिसर में तैयारियां भी शुरू कर दी गई थी. लोगों को लग रहा था कि फरवरी के महीने में सूरजकुंड का मेला एक बार जरूर लगाया जाएगा, लेकिन दिसंबर के महीने में ही ओमीक्रोन के लगातार बढ़ते मामलों के चलते सरकार को मेले पर एक बार फिर से रोक लगानी पड़ी और फरवरी में मेला आयोजित नहीं हो पाया.
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आमतौर पर मेले का आयोजन 1 फरवरी से लेकर 17 फरवरी तक किया जाता था. मेले के इतिहास में पहली बार इस मेले का आयोजन मार्च महीने में किया जा रहा है. सूरजकुंड मेले का प्रथम बार आयोजन सन् 1987 में हुआ था. वर्ष 2009 में पहली बार बाकी देशों को आमंत्रित करने का प्रचलन शुरू हुआ. सूरजकुंड में शामिल होने वाला पहला देश मिस्र बना था. तभी से विश्व भर के हस्तशिल्पकार यहां पर आते हैं. मेले में भारत के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति तो देखने को मिलती ही है साथ में विदेशों की भी संस्कृति यहां पर देखने को मिलती है. विदेशों के शिल्पकार अपने हाथों से तैयार किए गए सामान को यहां पर लाते हैं.
मेले में आने वाले देश- इस बार के लगने वाले मेले में कोरोना को देखते हुए कई तरह के बदलाव भी देखने को मिलेंगे. मेले में इस बार 1100 दुकानें बनाई गई हैं. मेले का स्टेट पार्टनर जम्मू कश्मीर रहेगा जबकि कंट्री पार्टनर उज्बेकिस्तान को रखा गया है. इससे पहले ब्रिटेन को कंट्री पार्टनर के तौर पर देखा जा रहा था. इस बार मेले में करीब 35 देश हिस्सा लेंगे. जिनमें से 30 के द्वारा आने की अनुमति पक्की कर दी गई है. सांस्कृतिक मंच के लिए 17 देशों के कलाकारों ने अपनी सहमति भेजी है.
मेले में आते हैं कई राज्यों के कलाकार मेले की टिकट और पार्किंग-इस बार के मेले में लोगों को बेहतरीन सुविधा देने की व्यवस्था की गई है. काउंटर के अलावा पेटीएम के सहयोग से मेले की टिकटों की बुकिंग की जाएगी. पर्यटक को असुविधा न हो इसके लिए प्रत्येक पार्किंग के पास टिकट काउंटर बनाया जाएगा. मेले की टिकट आम दिनों में ₹120 कीमत पर दी जाएगी जबकि शनिवार और रविवार को इसकी कीमत ₹180 रखी गई है. राजकीय स्कूलों के बच्चों को मेले में निशुल्क एंट्री मिलेगी जबकि दिव्यांगों को 50% की छूट दी जाएगी. करीब 47 एकड़ में लगने वाले मेले मेले में प्रवेश करने के लिए पांच प्रवेश द्वार बनाए गए हैं जिनमें से आम जनता के लिए दो द्वार रखे गए हैं बाकी एक गेट वीआईपी है, एक गेट मीडिया इंट्री के लिए रहेगा. मेला स्थल को 18 सेक्टरों में बांटा गया है.
मेले की तैयारियों में जुटे कर्मचारी ऐप के जरिये मिलेगी जानकारी-मेले में प्रतिदिन कितने पर्यटक आएंगे, पार्किंग में कितने वाहन हैं, टिकट बुकिंग व्यवस्थाओं के लिए पर्यटन विभाग एक ऐप विकसित कर रहा है. जिस पर इन सबके बारे में पूरी जानकारी होगी. कोई भी इस ऐप के माध्यम से मेले की टिकट बुकिंग सहित पार्किंग के बारे में जानकारी ले सकेगा. मेले की सुरक्षा को देखते हुए मेले में इस बार 2500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा. इसके साथ ही 2000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे को लगाया जाएगा. मेला सुबह 12 बजे से शुरू होकर रात के 11 बजे तक चलेगा. रात को 9:00 बजे के बाद मेले में एंट्री बंद कर दी जाएगी.
बिना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के एंट्री नहीं- मेले में स्वास्थ्य विभाग पर इस बार अतिरिक्त जिम्मेदारी रहने वाली है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से टीकाकरण कक्ष बनाए जाएंगे जहां पर लोग वैक्सीन भी लगवा सकेंगे. साथ ही मेले में अंदर जाते समय आपको अपने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को भी दिखाना होगा. बिना मास्क और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के मेले में प्रवेश नहीं मिलेगा. स्वास्थ विभाग की तरफ से 9 एंबुलेंस को तैनात किया जाएगा. पर्यटन विभाग की मानें तो मेले में लोगों की सुविधाओं को देखते हुए हर वह बंदोबस्त किया जा रहा है जिससे लोगों को कोई परेशानी ना हो. साथ ही सुरक्षा के तमाम प्रबंधों को किया जा रहा है. लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस की तैनाती से लेकर सीसीटीवी कैमरो तक और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मजबूती के साथ मेले में ड्यूटी देंगे.
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उधर लोगों में भी मेले को लेकर काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है. आम जनता ने कहा कि कोरोना के कारण पिछली बार भी मेला नहीं लग पाया था, लेकिन इस बार मेला लग रहा है. इससे वह बेहद उत्साहित हैं क्योंकि मेला जब लगता है तो उन्हें बहुत सारी चीजें नई देखने को मिलती हैं और कोरोना के कारण लोग कहीं जा नहीं पाए हैं. मेले के लगने से उनको बेहद खुशी मिलेगी, और हस्तशिल्प कलाकारों को भी इसका फायदा होगा. बहरहाल सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले को लेकर पर्यटन विभाग की तरफ से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. लोगों को भी मेले के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है.
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