फरीदाबाद: एक बार फिर से सभी तरह के मांगलिक कार्य शुरू हो चुके हैं. वहीं, जब भी बात शादी की आती है तो सबसे पहले कुंडली मिलान किया जाता है. ताकि लड़का लड़की का कुंडली देखकर यह बताया जा सके कि इन दोनों में कितने गुण मिलते हैं. 36 के 36 गुण मिल जाते हैं तो शादी सफल मानी जाती है.
क्या होते हैं 36 गुण?: ज्योतिष के अनुसार, 18 से ऊपर दोनों के गुण मिल गया तो भी शादी सफल मानी जाती है. 36 गुणों में नाड़ी के 8 गुण, भकूट के 7 गुण, गण मैत्री के 6 गुण, ग्रह मैत्री के 5 गुण, योनि मैत्री के 4 गुण, ताराबल के 3 गुण, वश्य के 2 गुण और वर्ण के 1 गुण का मिलान होता है. इस प्रकार से कुल 36 गुण होते हैं.
गुण क्या होता है और कैसे मिलाया जाता है: महंत मुनिराज ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि वर्ग, नक्षत्र, गण, नाड़ी, भकूट और वर्ण ये 6 गुण अच्छे होते हैं. यह गुण में वर (लड़के) भी होते हैं और कन्या में भी होता है. फिर इन दोनों के राशियों का मिलान किया जाता है. इन्हीं राशियों को देखकर पता किया जाता है कि वर वधु के कितने गुण मिलते हैं.
महंत मुनिराज ने बताया कि यदि 18 से ज्यादा गुण मिल जाते हैं तो घर गृहस्थी सुखमय होता है. 18 से जैसे-जैसे ज्यादा गुण मिलते वैसे-वैसे वर वधु के दांपत्य जीवन सुखमय बीतता है. ढंग से भी आयु से भी संतान से भी जीवन सुखमय होता है. उन्होंने कहा कि, जिनके 18 से कम गुण मिलते हैं और शादी हो जाती है तो ऐसे में यह शादी जान तक सफल मानी नहीं जाती है. इस तरह की शादी होने पर दांपत्य जीवन में मनमुटाव, टकराव, गृह कलेश जैसी तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अंत में शादी टूट जाती है या टूटने तक की नौबत आ जाती है.