फरीदाबाद: जब-जब पॉल्यूशन फैलता है तब-तब AQI लेवल बढ़ता है और जब हवा जहरीली हो जाती है तब पॉल्यूशन के रोग को लेकर पाबंदियां बढ़ा दी जाती है. ताकि किसी भी तरह से पॉल्यूशन को फैलने से रोका जाए. पिछले दिनों फरीदाबाद की हवा काफी जहरीली हो गई थी. AQI लेवल 400 के करीब पहुंच गया था. यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप का (third phase grapes in Faridabad) तीसरा चरण लगा दिया गया. जिसमें कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई. (aqi in faridabad)
ग्रेप के तीसरे चरण में नियमानुसार सड़कों पर पानी का छिड़काव करना होता है. वाटर गन मशीन से सड़क किनारे पेड़ पौधों की धुलाई की जाती है. GRAP यानि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (Graded Response Action Plan) लागू करना. हालांकि प्रशासन द्वारा कहीं-कहीं यह काम किया जा रहा है. लेकिन अभी भी खास तौर पर बिल्डिंग निर्माण की बात करें तो धड़ल्ले से बिल्डिंग निर्माण कार्य चल रहा है. जिसको रोक लगाने के लिए कोई भी अधिकारी एक्शन नहीं ले रहा है.
फैक्ट्रियों में कई ईंधन के अलावा किसी अन्य ईंधन से चलने वाले उद्योग बंद करने के आदेश दिए गए हैं. ईंट भट्टे को भी बंद करने के आदेश दिए गए हैं. पाबंदियां लगा दी गई, लेकिन इसका असर जमीनी स्तर पर देखने को (Grape failed in Faridabad) नहीं मिल रहा है. कई जगह सड़कों पर पानी का छिड़काव नहीं होता है. जिससे दिनभर धूल मिट्टी उड़ती रहती है. कई जगह अभी भी फैक्ट्रियों से काला धुआं निकल रहा है, उस पर भी किसी भी तरह से पॉल्यूशन विभाग एक्शन नहीं ले रहा है.