फरीदाबाद:करीब 23 लाख की आबादी वाले फरीदाबाद में सरकारी एंबुलेंस की सेवाएं दम तोड़ रही हैं. यहां के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल बादशाह खान में आए दिन एंबुलेंस की कमी के चलते मरीजों की मौत हो रही है, लेकिन ना तो इससे हरियाणा सरकार को फर्क पड़ता है और ना ही फरीदाबाद प्रशासन को.
सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस की काफी कमी है. ऐसे में सबसे ज्यादा फायदे में निजी एंबुलेंस संचालक हैं. कोरोना काल में वो इस स्थिति का पूरा फायदा उठा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों के बाहर खड़े निजी एंबुलेंस ड्राइवर मरीजों से मोटी रकम वसूलते हैं और तभी जाकर मरीज की जान बच पाती है.
फरीदाबाद में सिर्फ 19 सरकारी एंबुलेंस
दिल्ली से सटे फरीदाबाद जिले में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं. मरीजों को ना तो एंबुलेंस सेवा मिल पा रही है और ना ही अस्पताल में सही इलाज हो रहा है. फरीदाबाद के नागरिक अस्पताल की बात करें तो इस समय अस्पताल में कुल 19 एंबुलेंस हैं. इनमें से 8 एंबुलेंस को कोरोना के मरीजों के लिए रिजर्व रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने भी 75 नई एंबुलेंस की डिमांड सरकार के सामने रखी है, जिनका फिलहाल कोई अता-पता नहीं है.