फरीदाबाद: मनोहर सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए उनकी फसल की सरकारी खरीद के जो दावे किए थे वो फरीदाबाद की अनाज मंडी में झूठे साबित हो रहे हैं. फरीदाबाद की अनाज मंडी में किसान धान लेकर पहुंच रहे हैं लेकिन यहां उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है. किसानों का कहना है कि उनके धान को खरीदने के लिए कोई सरकारी एजेंसी नहीं है, तो ऐसे में किसानों को अपनी धान की फसल मंडी के आढ़तियों को बेचनी पड़ रही है.
मंडी में फसल खरीद से नाखुश दिखे किसान
किसानों का कहना है कि मंडी में 1,400 रुपये से लेकर 1,700 रुपय में धान बिक रही हैं. इतनी कीमत पर तो उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है. उन्होंने कहा कि पिछली बार 2,400 रुपयों से लेकर 2,700 रुपयों तक का रेट मिल रहा था लेकिन इस बार बहुत कम दाम मिल रहा है, जिससे उन्हें घाटा हो रहा है.
मंडी में धान की आवक शुरू, MSP नहीं मिलने से किसान निराश किसानों का कहना है कि वो मंडी में धान लेकर तो आ रहे हैं लेकिन उनकी फसल आढ़तियों की बोली पर निर्भर है. आढ़ती मनमाने ढंग से बोली लगाकर किसानों की फसल को खरीद रहे हैं और उन्हें रोकने वाला यहां कोई नहीं है. किसानों का कहना है कि एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि किसानों की आय को दोगुना किया जाएगा लेकिन अगर ये हालात रहे तो किसानों की हालत सुधरने की बजाय बद से बदतर हो जाएगी.
किसानों ने कम दाम में फसल खरीदने के लगाए आरोप
मंडी सचिव इंद्रपाल सिंह ने बताया कि अभी मंडी में जो धान आ रहा है, उसमें नमी ज्यादा होती है और उसमें गंदगी ज्यादा है. इसलिए इस धान की कीमत कम ही होती है, लेकिन इससे बहतर क्वालिटी के धान की कीमत बढ़ाकर ही खरीदी जाती है.
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हरियाणा देवराज कॉरपोरेशन नमक एजेंसी धान की खरीद करेगी. उन्होंने कहा कि पिछले साल मंडी में ध्यान ज्यादा आया था लेकिन इस साल मंडी में कम धान आने की उम्मीद है. साथ ही उन्होंने मंडी में धान लेकर आने वाले किसानों से अपील की है कि जो भी किसान मंडी में धान लेकर आएं वो अपना पहचान पत्र, आधार कार्ड साथ में जरूर लेकर आएं जिससे उनकी मंडी में आसानी से एंट्री कराई जा सके.
किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार लाख दावे कर रही है लेकिन किसानों की माने तो वो आज भी परेशान है. दूसरी तरफ मंडी सचिव द्वारा आधार कार्ड और पहचान पत्र लाने की बात कहना इस बात को दर्शाता है कि फरीदाबाद की अनाज मंडी में सिर्फ हरियाणा के ही किसानों के अनाज की खरीदारी की जाएगी अन्य राज्यों के किसानों के अनाज की नहीं.
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