फरीदाबाद:जिले के खोरी गांव पर इन दिनों मुसीबतों का पहाड़ टूटा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानते हुए चंद दिनों बाद खोरी गांव को तोड़ (Khori Village Demolition Update) दिया जाएगा, लेकिन इस मामले में अब एक नया पेंच सामने आ रहा है. खोरी गांव में ही रहने वाले कुछ लोगों ने नेताओं और प्रशासन पर दिल्ली और हरियाणा सीमा (Khori Village Delhi Border Dispute) में हेरफेर करने का आरोप लगाया है.
दरअसल खोरी गांव हरियाणा और दिल्ली सीमा पर बसा हुआ है. यही वजह है कि इस गांव के ज्यादातर लोगों के सभी सरकारी कागज, मसलन आधार कार्ड, वोटर कार्ड यहां तक की बिजली का मीटर भी दिल्ली सरकार की तरफ से लगाए गए हैं. ऐसे में ये लोग खुद को दिल्ली में होने का दावा कर रहे हैं और हरियाणा सरकार की तरफ से उनके घरों को तोड़ने की चेतावनी को नाजायज करार दे रहे हैं.
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ईटीवी भारत की टीम ने जब खोरी गांव के लोगों से बातचीत की तो वहां मौजूद सभी लोग खुद को दिल्ली को निवासी बता रहे हैं. उनका कहना है कि यहां दो पीढ़ियां दिल्ली के निवासी के तौर पर जी चुकी है. यहां जो बहुंए ब्याह कर आई थीं वो आज दादी-नानी बन गई हैं. यहा तीन मंजिला मकान बने हैं जो करीब 30 से 40 साल पुराने हैं.
'राजनीति की वजह से सीमा बोर्ड को आगे खिसकाया'
लोगों का कहना है कि कुछ महीने पहले जो सीमा प्रारंभ का बोर्ड लगा था उसे दिल्ली की ओर बढ़ा कर ओर आगे लगा दिया गया. जबकी पहले सीमा बोर्ड और घेराबंद कॉलोनी के अंदर की तरफ थी. लोगों का कहना है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी के विजयी उम्मीदवार सहीराम पहलवान को वोट दिए. अब जीतने के बाद उनकी सुध लेने नहीं आ रहे. वहीं विपक्ष के नेता को उन्होंने वोट नहीं दिए थे, इसलिए वो उनकी सुनेंगे नहीं.
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