फरीदाबाद: एंटी करप्शन ब्यूरो ने फरीदाबाद पुलिस में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. खबर है कि लड़ाई झगड़े के केस में चौकी में बंद आरोपी को छोड़ने की एवज में पुलिसकर्मी परिजनों से 1 लाख रुपये की मांग कर रहा था, लेकिन मामला 50 हजार में तय हुआ. मच्छगर गांव फरीदाबाद के रहने वाले कुंदन ने एंटी करप्शन को बताया कि नीमका गांव के रहने वाले उसके दोस्त विनोद के खिलाफ पुलिस चौकी आईएमटी में लड़ाई झगड़े का एक मुकदमा दर्ज हुआ था. इस केस की एवज में पुलिसकर्मी सुंदर ने एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की.
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कुंदन के मुताबिक बाद में 50 हजार में मामला तय हुआ. कुंदन ने बताया कि झगड़े की शिकायत लेकर वो उसका दोस्त विनोद बल्लभगढ़ पुलिस थाने गए. जहां उनसे कहा गया कि ये मामला आईएमटी चौकी का है. आप वहीं पर जाओ. इसके बाद कुंदन आईएमटी चौकी पहुंचा. इसके बाद कुंदन ने बताया कि जब वो आईएमटी चौकी अपने दोस्त विनोद के साथ पहुंचा, तो उसकी मुलाकात मामले के जांच कर रहे पुलिस कर्मचारी सुंदर से हुई. सुंदर ने कहा कि ये मामला गंभीर है. उसने विनोद को पूछताछ की बात कहकर थाने में बैठा लिया और कुंद को घर जाने के लिए कहा.
कुंदन के मुताबिक तीन-चार दिन बाद भी पुलिस ने विनोद को नहीं छोड़ा. जब कुंदन पुलिस चौकी पहुंची तो भी विनोद को छोड़ नहीं गया था. इसके बाद कुंदन को पुलिस वालों ने बताया कि जांच चल रही है. एक दो दिन में विनोद को वापस भेज देंगे. उसके बावजूद भी अगले दिन तक विनोद को नहीं छोड़ा गया. इसके बाद कुंदन ने दोबारा चौकी में पुलिस वालों से संपर्क किया तो पुलिस कर्मी ने बताया कि विनोद पर कई धाराओं के तहत संगीत मामला बनता है और यही वजह है कि वो लंबा अंदर जाएगा. कुंदन की माने तो इसके बाद विनोद को क्राइम ब्रांच लेकर जाया गया. जहां उसे बुरी तरह से टॉर्चर किया गया.
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कुंदन ने बताया कि विनोद को छोड़ने की एवज में पुलिसकर्मी ने उसने एक लाख रुपये की मांग की, लेकिन मामला 50 हजार रुपये में तय हुआ. इसके बाद कुंदन ने एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी को पूरी आप बीती बताई. जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने कुंदन को सबूत देने को कहा. इसके बाद कुंदन ने मामले में एएसआई की रिकॉर्डिंग की और वो रिकॉर्डिंग एसीबी को सौंप दी. जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने जाल बिछाकर 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते एएसआई सुंदर और उसकी टीम को गिरफ्तार किया. एसीबी के एसपी एस सुब्रमण्यम की माने तो 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते उन्होंने एएसआई सुंदर और उसकी टीम को रंगे हाथ गिरफ्तार किया.