फरीदाबाद: औद्योगिक नगरी के नाम से मशहूर होने वाला फरीदाबाद आज कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए जाना जा रहा है. जिले से रोजाना दर्जनों मामले सामने आ रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग बेबस नजर आ रहा है.
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की तरफ से लगातार कोशिशें की जा रही हैं कि इन मामलों पर रोक लगाई जा सके, लेकिन ये मामले एक बम विस्फोट की तरह लगातार बढ़ते जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इन मामलों के बढ़ने की दो मुख्य वजह है. पहला तो प्रशासन की तरफ से लॉकडाउन में मिली छूट और दिल्ली से सटा हुआ इलाका होने के साथ-साथ लोगों की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करना है.
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फरीदाबाद नागरिक अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उनका कहना है कि फरीदाबाद के लोग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कर रहे हैं. लॉकडाउन में जैसे ही छूट की घोषणा हुई वैसे ही मामलों की संख्या में एकदम से इजाफा हुआ है, क्योंकि लोग टूट मिलते ही सोशल डिस्टेंस इन को भूल चुके हैं.
'सावधानी नहीं बरती तो बिगड़ सकते हैं हालात'
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का मानना है कि अगर लोग वक्त रहते नहीं चेते तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं. फरीदाबाद में इस समय 485 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं. जो कि कोविड-19 से संक्रमित हैं. इसके अलावा 196 लोगों को अस्पताल में दाखिल किया गया है. जबकि 110 पॉजिटिव मरीजों को घर पर ही आइसोलेट कर दिया गया है और 159 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
अब तक 12466 यात्रियों को सर्विलांस पर लिया गया है. इनमें से 4520 लोगों को निगरानी में रखने का 28 दिन का पूरा हो चुका है. अब तक 12,886 लोगों के सैंपल भेजे गए थे, जिनमें से 11,886 की रिपोर्ट आनी बाकी है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा फरीदाबाद में 34 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं जिनमें 1040 बेड की क्षमता है. यह क्वारंटाइन सेंटर फरीदाबाद के अलग-अलग हिस्सों में बनाए गए हैं. फरीदाबाद के बीके अस्पताल, ईएसआई मेडिकल कॉलेज, बड़खल सरकारी अस्पताल, सरकारी अस्पताल पल्ला, सरकारी अस्पताल एनआईटी, सरकारी अस्पताल तिगांव, इनके अलावा निजी स्थानों पर क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था की गई है.
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