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दिवाली के बाद फरीदाबाद की हवा हुई जहरीली, AQI पहुंचा 300 के पार

दिवाली के बाद फरीदाबाद की हवा जहरीली (Faridabad Air is Toxic) हो गई है. फरीदाबाद में रात भर हुई आतिशबाजी ने हवा में जहर घोल दिया. कई लोगों को सांस लेने में दिक्कतें भी आई. हालांकि आतिशबाजी न करने की लगातार पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की गई थी. एनजीटी का आदेश था लेकिन इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया.

फरीदाबाद में प्रदूषण
फरीदाबाद में प्रदूषण

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Published : Oct 26, 2022, 9:13 AM IST

फरीदाबाद: दीवाली के बाद हुई सुबह धुएं और गुबार में लिपटी हुई थी. फरीदाबाद में प्रदूषण (Pollution in Faridabad) का स्तर इस स्तर तक पहुंच गया कि कई लोगों को सांस लेने में परेशानी हुई. फरीदाबाद में मंगलवार को एक्यूआई 316 के स्तर पर पहुंच गया. दीपावली के बाद हरियाणा के ज्यादातर शहरों में प्रदूषण बढ़ गया. फरीदाबाद में अलग-अलग जगहों के AQI की बात करें तो सबसे ज्यादा जहरीली हवा सेक्टर 11 में रही, जहां पर AQI 360 के करीब पहुंच गया. उसके बाद बल्लभगढ़ में 346 पाया गया.

एक हफ्ते पहले फरीदाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index in Faridabad) 250 के करीब था. धीरे-धीरे हवा जहरीली होती गई और दिवाली की सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के ऊपर पहुंच गया. यही वजह है कि फरीदाबाद रेड जोन में पहुंच गया. आपको बता दें सीएम सिटी करनाल सहित 6 जिले ऑरेंज जोन में पहुंच गये. अंबाला, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र और सोनीपत में हवा सबसे ज्यादा जहरीली पाई गई.

फरीदाबाद में प्रदूषण.

हवा को मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि वायु गुणवत्ता सूचकांक के जरिए तय किया जाता है. इसके जरिए हवा की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है. साथ ही भविष्य में होने वाले प्रदूषण के स्तर का भी पता इससे चलता है. हर शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स वहां मिलने वाले प्रदूषण के आधार पर अलग अलग होता है. जैसे छतरी से निकलने वाले धुंए से, गाड़ियों से निकलने वाले धुएं, सड़क उड़ने वाली धूल मिट्टी से, पराली जलाने और आतिशबाजी को लेकर एयर क्वालिटी इंडेक्स अलग होता है.

दिल्ली एनसीआर समेत एनजीटी ने प्रदूषण को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं. पराली जलाने पर प्रतिबंध है. दिवाली पर होने वाली आतिशबाजी को भी बैन किया गया था. पटाखे की खरीद, बिक्री और उपयोग पर भी प्रतिबंध था. उसके बावजूद दिवाली की अगली सुबह कई लोगों के लिए समस्याओं का अंबार लेकर आई क्योंकि जिन को सांस की बीमारी थी उनको सांस लेने में बहुत परेशान परेशानी हुई और कई लोगों को डॉक्टर के पास जाना पड़ा.

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