फरीदाबाद: गाय के गोबर का इस्तेमाल जहां पहले उपले बनाने में किया जाता था वहीं आज के दौर में गाय के गोबर से कई तरह के उत्पाद बनाए जा रहे हैं. गाय के गोबर से आज हवन की लकड़ी तैयार की जा रही है. वहीं गोबर से बनी धूपबत्ती और दीये लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं. जिससे जहां पर्यावरण की रक्षा हो रही है, साथ ही वातावरण भी शुद्ध होता है. इस बार दिवाली के त्यौहार में गोबर के दीयों की मांग खूब हो रही है और लोग पसंद भी खूब कर रहे (Diwali festival 2022 in Faridabad) हैं.
महिलाएं गाय के गोबर से दीयो और धूपबत्ती का निर्माण करती (Diwali festival 2022) हैं. इसके अलावा हवन सामग्री के लिए गोबर से बनी लकड़ी भी तैयार करती हैं. हालांकि शास्त्रों के अनुसार भी गाय के गोबर से बनी वस्तुएं शुद्धता का प्रतीक मानी जाती हैं. वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भी इसका प्रयोग करना शुभ माना जाता है. एक महिला ने बताया कि वह गौशाला में गाय के गोबर से कई तरह के प्रोडक्ट बनाते हैं, जिसमें धूपबत्ती, दीये और हवन के लिए गोबर की लकड़ी शामिल हैं. महिला डोली ने बताया कि पहले उनके पास गाय होती थीं. उन्होंने बताया कि गाय होने से वह रोजगार भी सृजित कर लेती थीं.
फरीदाबाद में गोबर के दीयों से मनेगी दिवाली जब गाय के चारे के लिए समस्या खड़ी हो गई. उसके बाद उन्होंने गाय के गोबर से प्रोडक्ट बनाने शुरू कर (Cow dung to light Diwali celebration) दिए. जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं. महिला डोली ने बताया कि इससे महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. उन्होंने बताया कि दिये इस्तेमाल करने के बाद गोबर के दीये अपने आप ही मिट्टी में मिल जाते हैं जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता और वातावरण भी शुद्ध होता है.
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वहीं गाय के गोबर के दिये खरीदने वाले लोगों ने बताया कि इस बार वह गोबर के दीये जलाकर प्रदूषण रहित दिवाली मनाएंगे. उनका कहना है कि हमारी संस्कृति में गोबर के इस्तेमाल का बहुत महत्व बताया गया है और यह दीये जलने के बाद स्वयं ही मिट्टी में मिल जाते हैं, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता. लोगों का कहना था कि सभी को दीपावली पर्व 2022 मनाने के लिए गोबर के दीयों का इस्तेमाल करना चाहिए. ग्राहकों ने बताया कि उन्होंने छोटे दीये दो रुपये और बड़ा दीया 3 रुपए में खरीदा है. फरीदाबाद में दिवालीपर लोग इस बार गाये के गोबर से बने दीये जलाएंगे.