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Surajkund Mela 2023: भारत सरकार से सम्मानित रेनू देवी ने सूरजकुंड मेले में बिखेरी कला - International Surajkund Mela

सूरजकुंड मेला 2023 में कई राज्यों से आए लोगों ने प्रदर्शनी लगाई है. प्रदर्शनी मेंं स्टॉल लगाने वाले कलाकारों ने हस्तशिल्प के जरिए बनाए गए उत्पादों को मेले में लगाया हुआ है. कई ऐसे कलाकार हैं जो भारत सरकार की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है.

Surajkund Mela 2023
Surajkund Mela 2023

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Published : Feb 19, 2023, 4:24 PM IST

हस्तशिल्प कलाकार रेनू देवी

फरीदाबाद:फरीदाबाद में 36वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला 2023 में अपनी हस्तशिल्प कलाओं का प्रदर्शन करने के लिए देश विदेश से हस्तशिल्प कलाकार पहुंचे हैं और अपनी-अपनी हस्तशिल्प कलाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं. सूरजकुंड मेले में मणिपुर की रेनू भी अपनी कलाकारी का प्रदर्शन कर रही हैं. वो बिल्कुल पढ़ी-लिखी नहीं हैं. ऐसे में उन्होंने न केवल नेशनल और एक्सीलेंसी अवार्ड अपने नाम किया है बल्कि इनके नाम 7 अवार्ड और भी दर्ज हैं.

जी हां, इस महिला का नाम है रेनू देवी. इन्हें सभी मां कहकर बुलाते हैं. बता दें कि इन्होंने न केवल देश के अलग-अलग राज्यों में खुद काम किया है बल्कि 4700 लोगों को रोजगार से जोड़ा भी है. वह अबतक 19 अनाथ बच्चियों को गोद ले चुकी हैं, जिनमे से 13 लड़कियों को पढ़ा-लिखाकर उनकी शादी भी करा चुकी हैं. उन महिलाओं के बच्चे रेनू देवी को नानी बुलाते हैं और ये अभी 6 बच्चियों को अपने खर्चे पर पढ़ा भी रही हैं. अब वह चाहती हैं कि यदि सरकार उनकी मदद करे तो वह देश की हर राज्य में इसी प्रकार से लोगों को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बना सकती हैं.

एक्सीलेंसी अवार्ड अपने नाम किया
बता दें कि मणिपुर से सूरजकुंड मेला 2023 में आई रेनू देवी मेले में हांथ से बने बांस के सामान के साथ साड़ी, सूट सलवार व घर में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रकार के कपड़े हांथ से बनाती हैं. बता दें कि रेनू देवी का जीवन काफी कठिनाइयों में गुजरा, छोटी सी उम्र में रेनू के पिता ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनके परिवार में 10 भाई और बहन थे. आर्थिक तंगी होने के कारण रेनू पढ़ नहीं सकीं.
रेनू के नाम कई अवार्ड दर्ज

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लेकिन कठिन परिश्रम करने के बाद रेनू आज तकरीबन 4700 लोगों को रोजगार दे रही हैं. 1300 लोगों को ट्रेनिंग भी दे रही है. रेनू देवी ने बताया कि ऐसी लड़कियां और महिलायें जिनके या तो मां-बाप नहीं हैं या जिनके पति ने उन्हें छोड़ दिया है, जिनका कोई शहारा नहीं होता ये उनको न केवल शहारा देती हैं बल्कि उन्हें रोजगार भी देती हैं. वहीं रेनू बताती हैं कि उनकी खुद की एक बेटी है लेकिन उन्होंने 19 अनाथ बेटियों को गोद लिया हुआ है.

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