चरखी दादरी: हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के बैनर तले कर्मचारियों ने गुरुवार को रोडवेज कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ जोरदार (Protest against privatization in Charkhi Dadri) प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के जरिए कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने समेत विभिन्न मांगों को जोर-शोर से उठाया गया. साथ ही राज्य सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई.
दरअसल रोडवेज कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा का गठन किया है. इसी के तहत गुरुवार हरियाणा रोडवेज कर्मचारी साझा मोर्चा के आह्वान पर सभी यूनियनों के पदाधिकारी दादरी रोडवेज वर्कशाप में एकजुट हुए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ काली पट्टी बांधकर दो घंटे की सांकेतिक धरना प्रदर्शन दिया.
रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में पुरानी पेंशन की बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, रोडवेज बेड़े में 10 हजार नई बसों को शामिल करने सहित 34 सूत्रीय मांगे शामिल हैं. कर्मचारियों ने कहा कि कई बार राज्य सरकार और अधिकारियों से इन मांगों पर सहमति बनी, बावजूद इसके धरातल पर कोई कार्य नहीं किया गया है. रणबीर गहलोत ने चेतवानी दी कि अगर इस बार सरकार ने हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया. सरकार को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा. अगर जरूरत पड़ी तो कर्मचारी फिर से हड़ताल पर जाने को तैयार हैं.
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क्या है रोडवेज कर्मियों की मांग- बता दें कि रोडवेज कर्मचारियों की मांग है कि सभी विभागों में पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए, सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए, खाली पदों पर पक्की भर्ती करना योग्यता के आधार पर चालक को तकनीकी निरीक्षक के पद पर प्रमोट किए जाएं, 1992 से लेकर 2002 तक के कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का किया जाए, बकाया बोनस का भुगतान किया जाए, निजी बसें ठेके पर लेने की नीति रद्द की जाए और अनुकंपा अधिनियम 1964 को पहले की तरह लागू किया जाए.
मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने की नीति में लगाई गई शर्तें हटाने, कोरोना महामारी से मृतक रोडवेज कर्मचारियों के परिवारों को एक्सग्रेसिया बीमा पालिसी के तहत 50 लाख रुपये मुआवजा देने, वेतनमान अपग्रेड करने, परिचालक व लिपिकों का 35,400 वेतनमान अपग्रेड करने सहित अन्य कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान देने, सभी कर्मचारियों को 5000 रुपये जोखिम भत्ता देने, कच्चे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, रोडवेज के बेड़े में 10 हजार बसें शामिल करना, परिवहन समिति की बसों को लंबे रूटों पर परमिट देना नीति को रद्द करना उनकी प्रमुख मांगें हैं.
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