चरखी दादरी: सुलभ शौचालयों की देख-रेख के अभाव में बनी दुर्दशा सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है. स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है कि व्यवस्था के अभाव में दादरी शहर के सभी सुलभ शौचालय दम तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं.
सरकार और जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद के सहयोग से जगह-जगह जो सुलभ शौचालय बनवाए गए हैं उनमें ना तो पानी की कहीं कोई सुविधा है और ना ही उनकी कभी सफाई की जाती. अधिकांश सुलभ शौचालय तो साफ-सफाई के अभाव में खंडहर बन चुके हैं.
लोगों को सुलभ शौचालय की बजाए खुले में शौच जाना पड़ रहा है, जबकि सरकार का दावा है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न जाए. शहर के मेन बाजारा, कोर्ट परिसर, वैश्य स्कूल, नगर परिषद, पार्क, अस्पताल व अन्य स्थानों पर बनाए गए सुलभ शौचालयों को बनाने के बाद कभी संभाला ही नहीं है. कुछ शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं तो कुछ की हालत ऐसी बनी है कि वहां ना तो सफाई और ना ही पानी. इन शौचालयों में शराब की खाली बातलें जरूर मिल जाएंगी.
शौचालयों की साफ-सफाई और रखरखाव पूरी तरह न के बराबर है. इससे आसपास के लोगों व दुकानदारों को शौचालय से आने वाली बदबू के चलते जीना दुर्भर हो गया है. वैश्य स्कूल के पास स्थित सुलभ शौचालय के पास डंपिंग प्वॉइंट बना रखा है जिसकी ना तो शौचालय की साफ सफाई करते हैं.
प्रॉपर तरीके से और ना ही वह कूड़े का उठान ढंग से होता है. हालात ऐसे हैं कि यहां से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को मुंह से कपड़ा ढककर निकलना पड़ रहा है. हालांकि नागरिक समय-समय पर प्रशासन को शिकायत कर चुके हैं बावजूद इसके कोई समाधान नहीं होता.