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चरखी दादरी: मुआवजे का एलान कर भूली मनोहर सरकार! दर-दर भटक रहे पीड़ित परिवार - आश्रितों को नहीं मिली मदद

पिछले साल गांव मारौत के पास सामने से आ रहे एक ट्रॉले और कार के बीच जोरदार टक्कर में सात लोगों की मौत हो गई थी जबकि आठवें व्यक्ति को पीजीआई ले जाते समय दम तोड़ दिया था.

पीड़ित परिवार

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Published : Jul 27, 2019, 3:24 PM IST

चरखी दादरी: सूबे की सरकार पीड़ितों को मुआवजा देने की घोषणा करके मुआवजा राशि ही देना भूल गई है. दादरी जिले के गांव महराणा निवासी बंजारा समाज के एक ही परिवार के सात लोगों की मौत मामले में सरकार ने आश्रितों को 14 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की थी.

पीड़ितों को नहीं मिला मुआवजा

लेकिन ये घोषणा अब नेताओं और सरकारी दफ्तरों के बीच अटक कर रह गई है. पीड़ित जहां मुआवजा राशि पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, वहीं सरकार के नुमाइंदों को याद दिलाया गया तो उन्होंने मुआवजा राशि जल्द दिलाने की बात कही.

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ज्ञात रहे कि दो साल पहले 7 जुलाई 2017 को झज्जर जिले के गांव मारौत के पास जाइलो गाड़ी और ट्रॉले की भीषण टक्कर में दादरी के गांव महराणा निवासी बंजारा समाज के एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई थी.

एक परिवार के सात लोगों की मौत के बाद बाढड़ा से बीजेपी विधायक सुखविंद्र मांढी ने कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ द्वारा सभी मृतकों के आश्रितों को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी.

सरकार द्वारा मृतकों के आश्रितों को आर्थिक सहायता राशि की घोषणा के दो साल बाद भी आश्रितों को मुआवजा राशि नहीं मिली. पीड़ित परिवार अब मुआवजा राशि के लिए कभी नेताओं तो कभी प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं.

पीड़ित बनारसी, मुकेश, बाला देवी, कमला देवी और गुड्डी का कहना है कि नेता उन्हें अधिकारियों के पास तो अधिकारी नेताओं के पास भेज देते हैं. हमें ये भी मालूम नहीं कि उन्हें कुछ मिलेगा या नहीं. क्योंकि कमाने वाले तो चले गए. किसी तरह मांगकर गुजारा कर रहे हैं.

क्या है मामला?
पिछले साल सात जुलाई की शाम गांव महराणा में रहने वाला बंजारा सुलतान और भीम ने गांव ढाणी फौगाट निवासी संत कुमार की टाटा 407 गाड़ी किराये पर कर गाड़ी में 17 छोटे कटड़े भरे तथा गाजीपुर बेचने के लिए निकल पड़े. गांव झाडौदा के पास पहुंचे ही थे कि दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर आए छह युवकों ने बाइक आगे अड़ाकर गाड़ी रूकवा ली.

युवकों ने उन पर गोतस्करी का आरोप लगाते हुए डंडों से उनकी पिटाई शुरू कर दी तथा उनकी गाड़ी भी छीन ले गए. जिसके बाद उन्होंने फोन कर अपने परिजनों को घटना की सूचना दी थी.

सूचना मिलते ही सुल्तान का पिता रघुवीर और छोटा भाई रामू, फुफेरा भाई भागीरथ और जगदीश, चचेरा भाई राजू और उसका जीजा राजू तथा चचेरे भाई बीरबल ने तुरंत गांव टिकान कलां निवासी सुखेंद्र की जाइलो गाडी किराये पर कर बहादुरगढ़ के लिए निकल पड़े. गांव मारौत के समीप पहुंचे ही थे कि सामने से आ रहे एक ट्राले ने उनकी गाड़ी को जोरदार टक्कर मार दी जिससे मौके पर ही सात लोगों की मौत हो गई जबकि आठवें व्यक्ति ने पीजीआई ले जाते समय दम तोड़ दिया था.

कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने की थी घोषणा
एक परिवार के सात लोगों की एक साथ मौत होने के बाद क्षेत्र में मातम का माहौल हो गया था. सभी मृतकों के शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया था. अंतिम संस्कार के दौरान बाढड़ा से बीजेपी विधायक सुखविंद्र मांढी सांत्वना देने पहुंचे थे. विधायक ने कृषि मंत्री ओपी धनखड़ द्वारा मृतकों के आश्रितों को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया था.

सरकार की लापरवाही, मृतकों के साथ किया मजाक!
पूर्व सहकारिता मंत्री और कांग्रेसी नेता सतपाल सांगवान ने कहा कि बीजेपी सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है. जबकि धरातल पर लागू की गई घोषणा शून्य पड़ी हैं, मृतक परिवारों को मुआवजा राशि देने की मात्र घोषणा ही बनी हुई है.

'आश्रितों को दी गई सहायता राशि'

बाढड़ा से बीजेपी विधायक सुखविंद्र मांढी का कहना है कि सरकारी घोषणा है और आश्रितों को सहायता राशि शीघ्र दिलाई जाएगी. इस संबंध में वे मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों से बात करेंगे. देरी कैसे हुई और क्यों नहीं मिली, इसका पता करवाकर शीघ्र ही आश्रितों को सहायता राशि दे दी जाएगी.

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