चंडीगढ़:सोनीपत के गोहाना में होने जा रही आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली को लेकर सारी तैयारियां कर ली गई हैं. हरियाणा में अमित शाह की रैली को लेकर प्रशासनिक अमले ने चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिया है. अमित शाह की रैली से पहले विरोध कर रहे आप के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. वहीं दूसरी ओर किसानों और सरपंचों का भी विरोध जारी है.
किसानों का विरोध झेल रही सरकार: हरियाणा में किसानों का विरोध लगातार जारी है. सोनीपत के गोहाना की अनाज मंडी में अमित शाह की विशाल रैली का आयोजन किया गया है. लेकिन किसानों की मांगें न मानने पर किसान सरकार से नाराज चल रहे हैं. किसानों का कहना है कि वह अमित शाह की रैली का विरोध करेंगे. सरकार किसानों के साथ मजाक कर रही है. गन्ने के दाम में बढ़ोतरी के नाम पर 10 रुपये ऊंट के मुंह में जीरा के समान है.
किसानों की मांग है कि गन्ने के दामों में 450 रुपये की बढ़ोतरी की जाए, लेकिन सरकार ने 10 रुपये बढ़ाकर किसानों के आक्रोश को बढ़ावा दिया है. वहीं चढूनी ग्रुप के पानीपत जिलाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने साफतौर पर कहा है कि उन्होंने गोवा से जहरीले सांप-बिच्छु मंगाए हैं जो अमित शाह की रैली में छोड़ेंगे.
सरपंचों की नाराजगी: एक तरफ किसान तो दूसरी तरफ हरियाणा में सरपंचों की नाराजगी भी कम नहीं है. सरपंच लगातर ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे हैं. वहीं राइट टू रिकॉल का विरोध कर रहे सरपंचों का कहना है कि ये स्कीम सही नहीं है. इससे गांव का विकास नहीं किया जा सकता है. सरपंचों का कहना है कि एक तो पंचायत चुनाव लगभग दो साल बाद कराए गए हैं उस पर ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल स्कीम विकास कार्यों में एक रोड़ा है.
अमित शाह की रैली के क्या है मायने: वहीं आज सोनीपत के गोहाना में अमित शाह की रैली के कई मायने निकाले जा रहे हैं. पहला तो यह कि हाल ही में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा निकाली गई थी. यात्रा का प्रभाव कम करने के लिए गृहमंत्री की इस रैली को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसके साथ ही आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने अभी से तैयारी करनी शुरू कर दी है.
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हालांकि, अमित शाह की यह रैली कितनी सफल होती है ये तो आने वाला समय ही तय करेगा. फिलहाल, हरियाणा में बीजेपी किसानों और सरपंचों का विरोध झेल रही है. जिसे अगर ध्यान में नहीं रखा गया तो इसका फायदा अन्य दल भी उठा सकते हैं.