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हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, प्रदेशभर में 450 अनधिकृत कॉलोनियां होंगी नियमित, यहां देखिए लिस्ट

हरियाणा में अनधिकृत कॉलोनी निवासियों के लिए खुशखबरी है. सरकार ने प्रदेश में 450 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया है. इनमें वो कॉलोनियां भी शामिल हैं जो पालिका क्षेत्र से बाहर हैं. सरकार प्रदेश में इस समय कुल 1856 कॉलोनियों को भी नियमित करने की योजना पर विचार कर रही है.

Unauthorized Colony in Haryana
Unauthorized Colony in Haryana

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Published : Aug 17, 2023, 5:46 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने शहरी विकास को बढ़ावा देने और बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के इरादे से एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेशभर में 450 अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने का फैसला किया है. सरकार द्वारा लिया गया ये निर्णय शहरी विकास, आमजनों की जरूरतों को पूरा करने और संगठित व सुव्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए फायदेमंद साबित होगा.

मुख्यमंत्री ने गुरुवार को चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता करके इस बारे में जानकारी दी. सीएम ने कहा कि इन 450 कॉलोनियों में नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की 239 कालोनियां तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग की 211 कालोनियां शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आज नियमित की गई कालोनियों में पहली बार उन अनधिकृत कॉलोनियों को भी नियमित किया गया है, जो पालिका क्षेत्रों के बाहर स्थित हैं, ये नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अन्तर्गत आती हैं.

अब तक 1135 कॉलोनी हुईं नियमित- मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले 2014 से 2022 तक शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अन्तर्गत आने वाली 685 कालोनियां नियमित की गई थीं. आज नियमित होने वाली कॉलोनियों को लेकर 2014 से अब तक कुल 1135 अनधिकृत कॉलोनियां नियमित हो जाएंगी. इसके अलावा सरकार 1856 और कॉलोनियों को नियमित करने पर कर रही विचार कर रही है.

हरियाणा में नियमित की गई कॉलोनियों की जिलावार सूची.

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हरियाणा में अनधिकृत कॉलोनी- मुख्यमंत्री ने अनधिकृत कॉलोनियों के संबंध में भविष्य की योजना को साझा करते हुए बताया कि प्रदेश में इस समय कुल 1856 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करना विचाराधीन है. इनमें 727 कॉलोनियां नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग और 1129 कॉलोनियां शहरी स्थानीय विभाग के अंतर्गत आती हैं. इन कॉलोनियों में मापदंड पूरे होने पर इन्हें भी नियमित किया जाएगा. यह राज्य के शहरी नियोजन और विकास में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

कांग्रेस सरकार में 874 कॉलोनी हुई थी नियमित- सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए नियमों को आसान बनाया है. मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में 874 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया था. वर्तमान सरकार ने एक अलग दृष्टिकोण अपनाया और नागरिक सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए नियमितीकरण के मानदंडों में ढील दी है. जिन कॉलोनियों तक पहुंचने वाली सड़क 6 मीटर या इससे अधिक तथा आंतरिक सड़कें 3 मीटर या इससे अधिक चौड़ी हैं, अब उन्हें नियमित किया गया है. इन कॉलोनियों के नियमित होने से निवासियों को बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ अनधिकृत कॉलोनियां पालिका क्षेत्र से बाहर भी बन गई थीं, इनमें रहने वाले लोग वर्षों से बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे. हमने उनकी पीड़ा को समझा है और पहली बार पालिका क्षेत्रों से बाहर की कॉलोनियों को भी नियमित करने का काम किया है. सीएम ने बताया कि नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अधिकार क्षेत्र में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी. इस समिति ने नगरपालिका क्षेत्र से बाहर बसी हुई कॉलोनियों में आवश्यक सेवाओं व नागरिक सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर विचार-विमर्श किया और कुछ सिफारिशें की.

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सरकार ने कम से कम 2 एकड़ क्षेत्र में बसी अलग-थलग कॉलोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया. हालांकि, यह नियम उस कॉलोनी पर लागू नहीं होगा, जो किसी अन्य अधिकृत, लाइसेंसशुदा अथवा नियमित कॉलोनी के समीप है और उसके लिए रास्ता उसी कॉलोनी के अंदर से जाता है. कॉलोनी के नियमितीकरण के लिए संबंधित जिले के सदस्य सचिव (संयोजक) डीटीपी को आवेदन देना होगा.

  1. मुख्यमंत्री ने कहा कि पालिका क्षेत्र से बाहर की कॉलोनी को नियमित करवाने के लिए संबंधित पक्ष को संबंधित जिले के सदस्य सचिव (संयोजक) डीटीपी के पास आवेदन जमा करवाना होगा, जो इन आवेदनों को डिस्ट्रिक्ट लेवल स्क्रूटनी कमेटी को भेजेगा. उन्होंने कहा कि पहले से विकसित कॉलोनियों में पंजीकृत नागरिक कल्याण समिति नहीं होंगी, समिति बनाकर उसे पंजीकृत करवाने में भी काफी समय लगता है. इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि पंजीकृत नागरिक कल्याण समिति या डेवलपर या कॉलोनी के कम से कम 5 निवासियों द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदनों पर भी विचार किया जाएगा. इनके बाद प्रासंगिक प्रावधानों के तहत सोसायटी को पंजीकृत करवाया जा सकता है.
  2. मुख्यमंत्री ने सड़क की चौड़ाई और वाणिज्यिक क्षेत्र मानदंडों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 'ए' और 'बी' श्रेणी की कॉलोनियों में पहुंचने के लिए कम से कम 6 मीटर चौड़ा मार्ग होना चाहिए. आंतरिक सड़कों की कम से कम चौड़ाई 3 मीटर होनी चाहिए. इसके अलावा, श्रेणी 'सी' और 'डी' में आने वाली कॉलोनियों के लिए, किसी भी चौड़ाई के मुख्य रास्ते वाले आवेदनों पर विचार करने का प्रस्ताव है.
  3. इन आवासीय कालोनियों में वाणिज्यिक क्षेत्र 4 प्रतिशत से अधिक हो सकता है. जिन आवासीय कॉलोनियों में कमर्शियल क्षेत्र पहले ही 4 प्रतिशत से अधिक विकसित है या कमर्शियल गतिविधियों के लिए आवंटित अथवा पंजीकृत है, उन कॉलोनियों को भी अतिरिक्त शुल्क के साथ नियमित किया जाएगा. लेकिन इसमें मॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल और बैंक्वेट हॉल आदि शामिल नहीं होंगे.
  4. इसके अलावा, पालिका क्षेत्र से बाहर पड़ने वाली आवासीय कॉलोनियों को नियमित करने के लिए जो विकास शुल्क किये गए हैं, वे अविकसित भूमि के लिए कलेक्टर रेट का 8 प्रतिशत तथा विकसित भूमि के लिए कलेक्टर रेट का 5 प्रतिशत देय होगा.
  5. मनोहर लाल ने कहा कि वाणिज्यिक क्षेत्र 4 प्रतिशत होगा और इस सीमा से अधिक वाणिज्यिक क्षेत्र पर विकास शुल्क का तीन गुणा देय होगा. कलेक्टर रेट विकास प्लान के रिहायशी जोन में पड़ने वाली कृषि भूमि पर लागू कलेक्टर रेट की दरों के बराबर होगा. पालिका क्षेत्र में विकास शुल्क सभी तरह के क्षेत्र पर 5 प्रतिशत होगा.
  6. पालिका क्षेत्र से बाहर के मामलों के शीघ्र निपटान के लिए अंतिम प्राधिकारी डीएलएससी के अध्यक्ष को बनाया गया है. पालिका क्षेत्र में ये शक्तियां डिविजनल कमिश्नर के पास होंगी. हमने ऐसी कॉलोनियों में सेल डीड पर पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसलिए 1 जुलाई, 2022 से पहले जिन्होंने बिक्री के लिए सेल डीड या एग्रीमेंट टू सेल पंजीकृत करवा रखे थे, उन्हें बेचा हुआ माना जाएगा.
  7. मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाली कॉलोनियों में रहने के लिए बेहतर वातावरण बनाने हेतु 500 वर्गमीटर तक के पार्क, खुली जगहों और सामुदायिक भवन के प्रावधान किए जाएंगे. इसके लिए उन कॉलोनियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिनमें डेवेलपर के स्वामित्व वाला क्षेत्र बेचा नहीं गया है. उन्होंने कहा कि जो कॉलोनियां पालिका क्षेत्र से बाहर पड़ती हैं, उनके विकास कार्य हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण द्वारा किया जायेगा.

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