चंडीगढ़: भजन लाल हरियाणा के तीसरे 'लाल' थे जो सूबे के मुख्यमंत्री बने. 6 अक्टूबर 1930 को इनका जन्म हुआ था. बाद में वो हिसार आकर बसे थे. भजनलाल अपने शुरुआती दिनों में ओढणी बेचने का काम करते थे. इसके बाद भजनलाल ने घी बेचने का काम भी किया. व्यापार में बढोतरी होने के बाद भजनलाल ने हिसार की अनाज मंडी में अपनी पकड़ बनानी शुरू कर दी. मंडी के एक दुकानदार ने भजनलाल की कुशलता को भांप लिया और उनको अपनी दुकानदारी में हिस्सेदारी पर रख लिया.
व्यापारी से बने राजनेता
धीरे-धीरे उनकी रूची राजनीति में हुई. उन्होंने पंचायती स्तर से राजनीति में हाथ आजमाया और 8 साल के राजनीतिक सफर में ही मुख्यमंत्री बन गए थे. आगे चलकर इसी कुशलता के दम पर भजनलाल ने विधायक जुटाए और अपनी सरकार बनाई.
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आया राम, गया राम कहावत के जनक थे भजन लाल!
भजन लाल को राजनीति के सबसे लोकप्रिय कहावत 'आया राम, गया राम' का जनक भी माना जाता है. साल 1967 का था. भारतीय राजनीति के इतिहास में एक नई इबारत लिखी जा रही थी. इस इबारत को लिखने वाले इंसान का नाम था गया लाल... गया लाल हरियाणा के पलवल जिले के हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे.
उन्होंने एक ही दिन में तीन बार पार्टी बदली. पहले तो उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर जनता पार्टी का दामन थाम लिया. फिर थोड़ी देर में कांग्रेस में वापस आ गए. फिर 9 घंटे बाद उनका हृदय परिवर्तन हुआ और एक बार फिर जनता पार्टी में चले गए. खैर गया लाल के हृदय परिवर्तन का सिलसिला जारी रहा और वापस कांग्रेस में आ गए.
कांग्रेस में वापस आने के बाद कांग्रेस के तत्कालीन नेता राव बीरेंद्र सिंह उनको लेकर चंडीगढ़ पहुंचे और वहां एक संवाददाता सम्मेलन किया. राव बीरेंद्र ने उस मौके पर कहा था, 'गया राम अब आया राम है' इस घटना के बाद से पाला बदलने वाले दलबदलुओं के लिए 'आया राम, गया राम' वाक्य का इस्तेमाल होने लगा.