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'चारों तरफ बम फट रहे थे, खाना और पैसे भी खत्म हो गए थे, बॉर्डर तक पहुंचने के लिए बुरे हालातों से गुजरना पड़ा'

वीरवार को चंडीगढ़ की रहने वाली शैली यूक्रेन से सकुशल लौट (Chandigarh student returned from Ukraine) आई है. शैली के चंडीगढ़ आने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान शैली ने अपने अनुभव साझा किए हैं.

Chandigarh student returned from Ukraine
Chandigarh student returned from Ukraine

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Published : Mar 3, 2022, 8:42 PM IST

Updated : Mar 4, 2022, 5:00 PM IST

चंडीगढ़: रूस और यूक्रेन के बीच आठवें दिन भी युद्ध (russia ukraine war) जारी रहा. जिसके चलते यूक्रेन में हालात और ज्यादा खराब होते जा रहे हैं. वहां फंसे भारतीय छात्रों की मुश्किलें भी कम होने का नाम नहीं ले रही. बहुत से छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं और बहुत से छात्र वतन वापसी कर चुके हैं. इन्हीं में से एक है चंडीगढ़ की रहने वाली शैली. वीरवार शाम को वो यूक्रेन से चंडीगढ़ (Shelly returned from Ukraine to Chandigarh) पहुंची है.

शैली 4 साल से यूक्रेन में रह रही थी. ईटीवी भारत से बातचीत में शैली ने बताया कि हमें आने वाले संकट का अंदेशा हो गया था. इसलिए हम 23 फरवरी की रात को एयरपोर्ट के लिए निकल चुके थे. जहां से 24 की सुबह हमारी फ्लाइट थी, लेकिन जब 24 फरवरी की सुबह हम एयरपोर्ट पर पहुंचे तो पता चला कि यूक्रेन पर आक्रमण हो चुका है. सभी फ्लाइट भी रद्द हो गई हैं. जिसके बाद हम वापस रेलवे स्टेशन पर गए और वहां पर रहे, जहां पर हमें पता चला कि खतरा कम है.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान शैली ने अपने अनुभाव साधा किए हैं.

इसलिए हम लवीव शहर के लिए निकल गए. जिसके बाद हम हंगरी बॉर्डर तक पहुंचे और वहां से हम भारत के लिए रवाना हुए. हमने अपना सफर 23 फरवरी को शुरू किया था और 3 मार्च को हम भारत पहुंच पाए हैं. शैली ने कहा कि अभी भारत के बहुत से छात्र यूक्रेन में फंसे हैं. ये कहना मुश्किल है कि वो कब तक वहां से सुरक्षित निकल पाएंगे. हालांकि यूक्रेन सरकार भारतीय छात्रों का बहुत सहयोग कर रही है. छात्रों के लिए रेस्क्यू बसें और ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं.

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शैली के मुताबिक वहां पर हालात बेहद खराब हैं. हर तरफ से बम फटने की और सायरन बजने की आवाज आ रही हैं. जब भी उनके आसपास कोई सायरन बजता तो वो जल्दी से भाग कर किसी बंकर में छिप जाते, क्योंकि ऐसे हालात में बम कहीं भी गिर सकता है. शैली ने कहा कि हम सब डरे हुए थे. धीरे-धीरे पैसे भी खत्म हो रहे थे और खाना भी खत्म हो रहा था. शुरुआती दिनों में तो यूक्रेन सरकार की ओर से अच्छा खाना छात्र को मुहैया करवाया गया, लेकिन जैसे जैसे हालात बिगड़ते गए, वैसे वैसे हमें भी बिस्किट खा कर ही गुजारा करना पड़ा.

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Last Updated : Mar 4, 2022, 5:00 PM IST

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