चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव 2019 का चुनावी शोर थम गया है. देश भर में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है. वहीं हरियाणा ने भी 10 की 10 सीट बीजेपी के खाते में डाल दिया है.
करनाल सीट को हमेशा से ही हरियाणा की राजनीति में बड़े उलट-फेर के लिए जाना जाता रहा है. इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप शर्मा के पिता चिरंजी लाल चार बार सांसद रह चुके हैं. जिसमें दो बार उन्होंने बीजेपी की बड़ी नेता सुषमा स्वराज को हराया. उसके बाद सुषमा स्वारज कभी इस सीट से चुनाव नहीं लड़ीं.
1984 और 1989 में करनाल सीट पर लगातार दो सुषमा स्वराज ने चुनाव लड़ा. इनमें पहले चुनाव में तीसरे स्थान पर और 1989 वाले चुनाव में दूसरे स्थान पर रही थीं. वर्ष 1984 के चुनाव में जहां सुषमा स्वराज की वोट शेयरिंग 15.34 फीसदी थी, वहीं 1989 के चुनाव में उन्हें जबरदस्त लोकप्रियता मिली और वोट शेयरिंग बढ़कर 44.65 फीसदी हो गया था.
सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री इस बार के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी संजय भाटिया ने सुषमा स्वाराज को हराने वाले चिरंजी लाल शर्मा के बेटे कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप शर्मा को रिकॉर्ड मतों के अंतर से हराकर सुषमा स्वाराज की हार का बदला ले लिया. संजय भाटिया इससे पहले पानीपत से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन दोनो बार वो हार गए. संजय भाटिया पहली बार लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की.
संजय भाटिया की पारी
संजय भाटिया लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर पहली बार मैदान में उतरे और जीत हासिल की. इससे पहले संजय भाटिया पानीपत जिले में काफी सक्रिय रहे थे. इस बार संजय भाटिया के खिलाफ मैदान में चार बार सांसद चिरंजी लाल के बेटे और मौजूदा विधायक कुलदीप शर्मा थे. वहीं इनेलो ने धर्मवीर पाढ़ा को मैदान में उतारा.
स्व. चिरंजी लाल , पूर्व सांसद बीजेपी ने सुषमा स्वराज की 2 बार का बदला लेने के लिए कुलदीप शर्मा के खिलाफ उतारा और रणनीति में कामयाब भी रही. इस सीट से संजय भाटिया ने कुलदीप शर्मा को 6 लाख 56 हजार 142 वोटों से हराकर एतिहासिक जीत दर्ज की.
इस सीट पर इस बार के लोकसभा चुनाव में 67.93 फीसदी वोटिंग हुई. यहां मैदान में 16 उम्मीदवार थे. संजय भाटिया को 9 लाख 11 हजार 594 वोट तो वहीं कुलदीप शर्मा को कुल 2 लाख 55 हजार 452 वोट मिले हैं.
करनाल सीट का सियासी वजूद
- इस सीट से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल सांसद रह चुके हैं. वहीं एक बार भजनलाल को हार मिली
- केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रहे आईडी स्वामी भी करनाल से दो बार जीते और दो बार हारे.
- मौजूदा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज यहां से 2 बार चुनाव लड़ी और दोनों बार उन्हें हार नसीब हुई
अब तक करनाल सीट से कांग्रेस को 11 बार जीत मिली है. इससे पहले यहां से 2004 और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर अरविंद शर्मा ने जीत हासिल की थी. जबकि 1996 और 1999 में बीजेपी को जीत मिली थी. बीजेपी ने यहां से कुल चार बार जीत हासिल की है.
करनाल का क्षेत्रीय समीकरण
करनाल लोकसभा क्षेत्र में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं. जिनमें नीलोखेड़ी, इंद्री, करनाल, घरौंडा, असंद, पानीपत ग्रामीण, पानीपत सिटी, इसराना और समालखा शामिल हैं.
करनाल का इतिहास
- मान्यताओं के मुताबिक करनाल शहर को महाभारत के राजा कर्ण ने बसाया था. राजा कर्ण के नाम पर ही शहर का नाम करनाल पड़ा.
- करनाल में ही नादिरशाह ने मुगल बादशाह मुहम्मद शाह को हराया था.
- 1805 में करनाल शहर पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था.
- यह शहर महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान का भी गढ़ रहा है, शहर में चौहान का किला भी मौजूद है.
- करनाल में वनस्पति तेल, इत्र और शराब बड़े पैमाने पर तैयार किए जाते हैं.
- यहां कंबल और जूते के कारोबार बड़े पैमाने पर लगे हुए हैं.
- पर्यटक के नजरिए से कलंदर शाह गुम्बद, छावनी चर्च और सीता माई मंदिर खास है.
- करनाल शहर के बीचो-बीच 100 फीट ऊंचा चर्च है, इसका निर्माण सेंट जेम्स ने कराया था.
करनाल सीट से जीते प्रत्याशी
सन | प्रत्याशी | पार्टी |
1952 | वीरेंद्र कुमार सत्यवती | कांग्रेस |
1957 | सुभद्रा जोशी | कांग्रेस |
1962 | स्वामी रामेश्वरानंद | जनसंघ |
1967 | माधो राम शर्मा | कांग्रेस |
1971 | माधो राम शर्मा | कांग्रेस |
1977 | मोहिंद्र सिंह लाठर | जनता पार्टी |
1977 | भगवत दयाल शर्मा | जनता पार्टी |
1980 | पंडित चिरंजी लाल शर्मा | कांग्रेस |
1984 | पंडित चिरंजी लाल शर्मा | कांग्रेस |
1989 | पंडित चिरंजी लाल शर्मा | कांग्रेस |
1991 | पंडित चिरंजी लाल शर्मा | कांग्रेस |
1996 | आइडी स्वामी | भाजपा |
1998 | भजन लाल | कांग्रेस |
1999 | आइडी स्वामी | भाजपा |
2004 | अरविंद शर्मा | कांग्रेस |
2009 | अरविंद शर्मा | कांग्रेस |
2014 | अश्विनी चोपड़ा | भाजपा |
2019 | संजय भाटिया | भाजपा |