चंडीगढ़: हरियाणा कैडर 1983 बैच की टॉपर आईएएस अधिकारी केशनी आनंद अरोड़ा ने 1 जुलाई 2019 को हरियाणा की मुख्य सचिव के तौर पर पदभार ग्रहण किया. उन्होंने 33वीं मुख्य सचिव के तौर पर हरियाणा की जिम्मेदारी संभाली. मुख्य सचिव का पद संभालने के साथ ही केशनी आनंद अरोड़ा ने एक अनोखा रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. एक ही परिवार की तीसरी बेटी के तौर पर उन्होंने हरियाणा के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाली.
इससे पहले उनकी दो बड़ी बहनें भी हरियाणा की मुख्य सचिव रह चुकी हैं. केशनी आनंद अरोड़ा का बतौर मुख्य सचिव एक साल पूरा हो चुका है. ऐसे में उनके सामने क्या चुनौतियां रही और उन्होंने क्या बड़े फैसले किए. इस रिपोर्ट के जरिए एक नजर डालते हैं उनके एक साल के कार्यकाल पर. कोरोना महामारी मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा के सामने बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है.
1 साल में लिए बड़े फैसले
इस मुश्किल वक्त को उन्होंने बखूबी से संभाला है. चाहे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जिले भेजने का मामला हो या फिर लॉकडाउन के दौरान जरूरत के सामान की कमी ना होने देना. केशनी आनंद ने इस स्थिति को अच्छे से संभाला. भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए उन्होंने चीफ विजिलेंस ऑफिसर्स के साथ बैठक की और लंबित शिकायतों के निपटान के आदेश दिए. उनके 1 साल के कार्यकाल में पराली जलाने के मामले में कमी आई है. इसका पूरा श्रेय मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा को जाता है.
- हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने गर्भवती महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों में एनीमिया की कमी को दूर करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया. उन्होंने स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषक व्यंजनों से संबंधित जानकारियां देने के निर्देश दिए.
- मुख्य सचिव के एक साल के कार्यकाल में हरियाणा सरकार ने कांस्टेबल से लेकर हेड कांस्टेबल तक के पुलिसकर्मियों को 3000 रुपये सालाना और सहायक सब इंस्पेक्टर के पद से इंस्पेक्टर के पद तक 4000 रुपये वार्षिक भत्ता देने का फैसला किया.
- हरियाणा सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी वर्करों और सहायकों का मानदेय बढ़ाने का फैसला किया.
- लॉकडाउन के दौरान 27 लाख राशन कार्ड धारक परिवारों को 154 करोड़ का तीन महीने का राशन मुफ्त उपलब्ध करवाया. ये कुछ बड़े फैसले मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने अपने एक साल के कार्याल में किए हैं.
- इसके अलावा केशनी आनंद अरोड़ा ने विशेष सचिव, उद्योग और गृह विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी निदेशक के रूप में काम किया है.