चंडीगढ़:पिछले 30 दिनों से हरियाणा कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. ये दूसरी लहर प्रदेश के लिए बेहद खतरनाक साबित हुई है. इस दौरान कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ी है. संक्रमण की ये रफ्तार इतनी तेज है कि पिछले 30 दिनों में सामने आने वाले नए मामलों और मौत के आंकड़ों ने पिछले 12 महीनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
ईटीवी भारत की टीम ने पिछले एक साल से हरियाणा सरकार की तरफ से कोरोना संक्रमण को लेकर जारी की जा रही रोजाना बुलेटिन पर बारीकी से अध्ययन किया. इस अध्ययन में हमारी टीम ने पाया कि संक्रमण की शुरुआत से लेकर मार्च महीने तक हरियाणा में जितना असर डाला उससे कहीं ज्यादा पिछले 30 दिनों में डाल चुका है.
ये भी पढ़ें-प्लाज़्मा डोनेट करने से डरें नहीं लेकिन ये सुरक्षित तरीका ज़रूर जान लें
दूसरी लहर में कोरोना ज्यादा जानलेवा
इस बार कोरोना ना सिर्फ लोगों को संक्रमित कर बीमार कर रहा है बल्कि इंसानों के लिए दस गुना ज्यादा जानलेवा बनकर सामने आया है. दूसरी लहर में कोरोना की वजह से संक्रमित मरीजों की स्थिति पिछले साल के मुताबिक ज्यादा गंभीर स्थिति को झेल रहे हैं. कोरोना वायरस का नया म्यूटेंट लोगों पर ज्यादा असर डाल रहा है और उनके फेफड़ों को कमजोर कर रहा है, जिससे मरीज सांस लेने में परेशानी महसूस करता है और दम तोड़ देता है.
ये पढ़ें-कोरोना से बचना है तो लें भरपूर नींद, डॉक्टर से जानिए कितने घंटे सोना है बेहद जरूरी
शुरुआती 12 महीनों में मिले 3642 मामले
हरियाणा में कोरोना से हुई पहली मौत का मामला 1 अप्रैल 2020 को सामने आया. मृतक एक 67 साल के बुजुर्ग थे और वो कई दूसरी बीमारियों से भी पीड़ित थे. उस समय पूरा देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा था. फिर भी धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण फैलता रहा और चार महीने में हरियाणा में मौत का आंकड़ा 400 पार हो गया.
सितंबर में लोगों को सरकार की तरफ से छूट मिलने लगी. लॉकडाउन भी खुल चुका था. ऐसे में हरियाणा में संक्रमण की रफ्तार चार गुना तेजी से बढ़ी और मौत का आंकड़ा भी, 1 दिसंबर को प्रदेश में कुल 2,55,500 संक्रमित मरीजों की संख्या हो गई. अगले चार महीने यानी दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च में भी कोरोना संक्रमण फैलता रहा, लेकिन पहले की अपेक्षा एक बहुत कम मामले सामने आए. एक दिसंबर से एक अप्रैल तक प्रदेश में सात सौ लोगों ने दम तोड़ा.