चंडीगढ़: केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात देते हुए लद्दाख से हरियाणा के कैथल के लिए 5 गीगावॉट क्षमता की रिन्यूऐबल एनर्जी ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण का फैसला लिया है. यह बिजली ट्रांसमिशन लाइन हिमाचल प्रदेश और पंजाब से होकर हरियाणा के कैथल तक जाएगी. जहां इसे राष्ट्रीय ग्रिड के साथ जोड़ा जाएगा. इस परियोजना में पांग (लद्दाख) और कैथल (हरियाणा) में 713 किमी ट्रांसमिशन लाइनें (480 किमी एचवीडीसी लाइन सहित) और 5 गीगावॉट क्षमता वाले हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट टर्मिनल की स्थापना शामिल होगी.
परियोजना को मंजूरी देने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि लद्दाख के साथ-साथ हरियाणा को भी इस परियोजना से खासा लाभ होगा. इससे ना केवल रोजगार के अवसरों का सृजन होगा बल्कि बिजली संबंधी समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने बीते दिन ही लद्दाख में 13 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए हरित ऊर्जा गलियारा (जीईसी) चरण- II- अंतर-राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) परियोजना को स्वीकृति दी है. परियोजना के तहत लद्दाख से हरियाणा तक रिन्यूएबल एनर्जी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी. । वित्त वर्ष 2029-30 तक स्थापित होने वाली इस परियोजना की अनुमानित लागत 20773.70 करोड़ रुपये है.
यह परियोजना साल 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन से 500 गीगावॉट बिजली क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगी. इससे देश की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा विकसित करने और कार्बन उत्सर्जन कम करके पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिलेगा. इससे विशेष रूप से बिजली और अन्य संबंधित क्षेत्रों में कुशल और अकुशल दोनों कर्मियों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के कई अवसर सृजित होंगे.
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